Anupriya Patel को Akhilesh Yadav के दांव से हो गया लगाव… अखिलेश की राजनीति एक हिस्से को अनुप्रिया ने चोरी कर ली !

अखिलेश यादव का सियासी दांव… अनुप्रिया को हो गया लगाव… अपना दल का कर दिया जुड़ाव
अखिलेश ने एक नया सियासी रास्ता बनाया… अनुप्रिया का दिल कर गया… वो भी उसी राह पर चलने लगी

अखिलेश के चुनावी पथ पर अनुप्रिया पटेल की एंट्री… पीएम मोदी के लिए होगी सप्लीमेंट्री !

बीजेपी में इस वक्त किसी पार्टी की बात सुनी जा रही है… तो वो अपना दल एस है… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जितना विश्वास अनुप्रिया पटेल पर है… उतना गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियों पर शायद ही करते हो… पीएम मोदी ने अनुप्रिया पटेल को एक ऐसा टास्क दिया है… जिसे मोदी अपने खास को ही देते हैं… एक तरह से देखा जाए अनुप्रिया पटेल ने जिस रास्ते का चुनाव किया है… वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सियासी दांव से मैच करता नजर आ रहा है… ऐसा लग रहा है… अपना दल की चीफ अनुप्रिया पटेल को अखिलेश के सियासी दांव से लगाव हो गया… जैसे उनकी बहन पल्लवी पटेल को हुआ है… अनुप्रिया अब अखिलेश के उसी सियासी दांव को जीत का प्रबल आधार मानकर उससे जुड़ाव अपनी पार्टी को कर रही है… दरसअल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ऐसा सियासी रास्ता तैयार किया है… अगर वो उनकी सियासत में फिट बैठ गया… तो 2024 में हिट हो जाएगा… अब शायद अनुप्रिया पटेल को ऐसा लग रहा है… अखिलेश वाली राजनीति को अपनाएंगी तो 2024 की राह उनकी पार्टी के लिए आसान हो जाएगी… शायद इसलिए अनुप्रिया पटेल ने अखिलेश के चुनावी पथ एंट्री मारने का प्लान बनाया है… तो कहने वाले कह रहे हैं.. ये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति के लिए सप्लीमेंट्री की तरह है… शायद मोदी-शाह ने ही अनुप्रिया पटेल को अखिलेश की ओर से अपनाई जा रही सियासी राह पर चलने का मंत्र दिया हो…ये हम क्यों कह रहे हैं… चलिए इसे समझने का प्रयास करते हैं…
दरअसल यूपी निकाय चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. इस बीच अनुसूचित जाति को साधने की कोशिश में सियासी पार्टियां जोर आजमाईश में लगी हुई हैं… जहां बीएसपी मुस्लिम-एसएसी समीकरण बनाकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है… तो वहीं मायावती के कोर वोट बैंक पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भी नजर है…. वहीं अब बीजपी भी उसी वोटबैंक में सेंधमारी करने की कोशिश में है…. बीएसपी दलितों और एससी को समझाने में लगी है कि बीजेपी को रोकने के लिए उनका साथ आना जरूरी है…. इसके लिए बीएसपी प्रमुख मायावती ने कार्यकर्ताओं को खुद निर्देश दिए हैं.
अब केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दावा किया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दलितों-पिछड़ों और आदिवासियों के लिए लगातार काम कर रही है…. निकाय चुनाव से पहले अनुप्रिया की बात अखिलेश यादव के सियासी दांव के काट के तौर पर देखी जा रही है… अब देखना होगा कि अनुप्रिया का ये सियासी दांव एनडीए को कितनी बढ़त दिला सकता है ये तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि सभी पार्टियां दलित-एससी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए एंडी चोटी का जोर लगा रहे हैं….

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज एक ट्वीट में कहा है कि,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में NDA सरकार दलित-पिछड़ों व आदिवासी
समाज के सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है… केंद्र सरकार की ओर से
अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों में उद्मशीलता को प्रोत्सा हित करने के लिए
शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना ‘स्टैंेडअप इंडिया’ के 7 वर्ष सफलता पूर्वक पूरे होने
पर प्रधानमंत्री का बहुत बहुत आभार…. इस योजना के अंतर्गत 1 लाख 80 हजार से
अधिक महिला उद्यमियों को 40,600 करोड़ रूपये से अधिक ऋण दिया गया है…

इधर बीजेपी गेस्ट हाउस कांड को लेकर सपा पर निशाना साध रही है… दलितों को ये बताने की तैयारी में है कि गेस्ट हाउस कांड के दौरान बीजेपी ने किस तरह मायावती को सपा कार्यकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर उनकी जान बचायी थी… विधानसभा चुनाव 2022 के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद अब बीएसपी इसबार निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती…. यही वजह है कि पार्टी अपने नीचे गए ग्राफ को फिर से उपर लाने की पूरी कोशिश कर रही है…. जिन सीटों पर अनुसुचित जाति और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है पार्टी वहां उन्हें साथ लाने की कोशिश में है….