- मुलायम परिवार के ‘खास’ ‘AP’ का किस्सा
- मुलायम और अखिलेश के शासन में ‘AP’ को मिला रुतबा !
- बिजली महकमे में सपा सरकार के दौरान ‘मिश्राजी’ यानी ‘सरकार’
- कुंभ के जरिए बढ़़ाई सियासी नजदीकियां
- एपी मिश्रा को दो बार मिला सेवा विस्तार
- ‘एपी’ यानी अरबपति मिश्रा
- मार्निंग वाक से ही शुरू कर देते थे ड्यूटी
DHFL पर यूपी में सियासत चरम पर है…. सपा और बीजेपी के बीच भीषण युद्ध जारी है…. इस संघर्ष में एक ऐसा नाम सामने आया है… जिसके बारे में कहा जाता है… कि वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी है…. उस शख्स का नाम अयोध्या प्रसाद मिश्रा है…. जो यूपी पावर कॉरपोरेशन के एमडी रह चुके हैं…. एपी मिश्रा ने ये कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें अरबों के पीएफ घोटाले में आरोपित होकर ये दिन देखने पड़ेंगे.. सपा सरकार में एपी मिश्रा का पावर कॉरपोरेशन की ऐसी शख्सियतों में शुमार था कि बड़े इंजीनियरों से लेकर आईएएस तक सत्ता के गलियारे में पहुंच बनाने की खातिर उनके आगे-पीछे घूमते थे….यही वजह थी कि बिजली महकमे में सपा सरकार के दौरान यह चर्चा आम थी कि ‘ मिश्राजी ‘ यानी ‘सरकार’ समझो… पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा अखिलेश के कितने करीबी थे… इसे इस बात समझिए… उन्होंने जो किताब लिखी थी… उसका विमोचन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से करवाया था… किताब पर चर्चा के कार्यक्रम गाजियाबाद के एक पांच सितारा होटल में रखे गए और उसमें सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव शामिल हुए…साल 2019 के चुनाव में तो चर्चा यहां तक थी कि सपा-बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बाद में बात नहीं बनी
अयोध्या प्रसाद मिश्रा को सुबह और शाम को टहलने की आदत थी… वो इसे किसी भी कीमत पर छोड़ते नहीं थे… आलम ये था कि सुबह छह बजे से ही विभाग के इंजीनियर उनके घर पहुंच जाते… साहब टहलने जा रहे हों तो उनके साथ टहलते-टहलते रामचरितमानस के प्रसंग छेड़ते… फिर क्या था, एमडी साहब के अध्यात्म की प्रशंसा के पुल बांध दिए जाते… कुछ तो उन्हें रामभक्त ही क्या करुणामयी राम की संज्ञा तक दे डालते…बिजली महकमे में बात-बात पर रामचरितमानस के अध्यात्म को समझाने की आदत से आजिज़ उनके कुछ विरोधियों ने उनका ‘निक नेम’ रख दिया था ‘अरबपति मिश्रा’… इंजीनियर और कर्मचारी नेता अक्सर उनकी गैरहाजिरी में उन्हें अरबपति मिश्रा कह कर पुकारते थे… इसे उनकी कार्यदक्षता कहें या सियासी जलवा कि वो कई बार प्रयागराज में आयोजित कुंभ में तैनात रहे… अपनी किताब में उन्होंने खुद स्वीकार किया है… कुंभ ने उन्हें कभी मुलायम का खास बनाया… तो कभी अखिलेश का खास… साल 2007 में एपी मिश्रा कुंभ में तैनात रहे… और इसी दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर कामकाज किया था, लिहाजा वो उनके करीबी हो गए… एपी मिश्रा ने अपनी किताब में लिखा है कि नेताजी के कहने पर ही साल 2012 में कुंभ होने पर सपा मुखिया ने उन्हें बुलाया और कुंभ का जिम्मा सौंपा
एपी मिश्रा के हुनर का ही कमाल कहें या किस्मत की बलिहारी कि 31 जुलाई 2012 को प्रदेश में ग्रिड फेल हो गया…वो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी थे, उन्हें आनन-फानन में उसी रोज पावर कॉरपोरेशन का एमडी बना दिया गया… ये उनकी सपा सरकार में पहुंच का ही नतीजा था कि… उन्हें तीन साल का कार्यकाल पूरा करने पर 62 वर्ष की उम्र में 13 फरवरी 2015 को एमडी पद पर पहली बार सेवा विस्तार दिया गया… फिर उन्हें दोबारा 64 वर्ष की उम्र में वर्ष 12 फरवरी 2017 को एक साल का और सेवा विस्तार दिया गया… लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सरकार बनने पर उन्होंने 23 मार्च 2019 को इस्तीफा दे दिया