- कांग्रेस के निशाने पर मोदी सरकार
- लॉकडाउन को लेकर सरकार पर किया वार
- नोटबंदी से की लॉकडाउन की तुलना
कांग्रेस ने देशव्यापी लॉकडाउन की तुलना नोटबंदी से की है। कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार ये वार उस वक्त किया है जब लॉकडाउन को देश में लागू किए हुए एक महीने से ज्यादा वक्त बीत चुके हैं ।कांग्रेस के मुताबिक जिस तरह नोटबंदी बिना सोचे-समझे की गई, उसी तरह लॉकडाउन का ऐलान भी किया गया।
कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा
इस तरह के फैसले अगर अचानक और बिना तैयारी के लिए जाते हैं तो इसका परिणाम बेहद गंभीर होता है। इसका केवल आर्थिक नुकसान ही नहीं होता है। नोटबंदी की तरह ही लॉकडाउन का फैसला बिना प्लान के लिया गया जिसकी बहुत ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखा पत्र
- PM मोदी को चिट्ठी लिखकर की मांग
- छोटे और मझोले उद्योग को राहत पैकेज देने की मांग
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पांच सुझाव दिए । इसके साथ छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए राहत पैकेज की मांग की है। दरअसल, कोरोना लॉकडाउन के बीच उद्योग जगत को इंतजार है कि सरकार उनके लिए भी राहत पैकेज लेकर आएगी। जारी लॉकडाउन के कारण MSME सेक्टर अपने लिए विशेष राहत पैकेज की मांग कर रहा है।
MSME सेक्टर का पक्ष लेते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि देश की जीडीपी में MSME सेक्टर का योगदान एक तिहाई से ज्यादा है और निर्यात में आधा से ज्यादा हिस्सेदारी है। इस सेक्टर में देश के कुल 11 करोड़ लोग काम करते हैं, जिनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार से जरूरी मदद नहीं मिलती है तो 6.3 करोड़ MSME बर्बाद होने की कगार पर है। हर दिन इस सेक्टर को 30 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। MSME के पास सेल्स ऑर्डर नहीं रह गए हैं। रेवेन्यू घटकर शून्य पर पहुंच गया है जिसके कारण 11 करोड़ रोजगार पर खतरा है।
सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि सरकार बार-बार यह कहती रही है कि MSME सेक्टर इकॉनमी के लिए रीढ़ की हड्डी है। ऐसे में समय आ गया है कि सरकार रीढ़ की हड्डी को मजबूत करे। यह ऐसा समय है जब समय पर लिए जाने वाले सही फैसले से परिस्थिति में काफी बदलाव संभव है।