दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होने वालों में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर का नाम सामने आने के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है । बताया जा रहा है कि

इस प्रोफेसर ने जमात से लौटने के बाद भी यूनिवर्सिटी की परीक्षा में कक्ष नियंत्रक के तौर पर ड्यूटी की थी । साथ ही वो बड़ी तादाद में लोगों से सामूहिक औऱ व्यक्तिगत रूप से मिलते भी रहे ।

प्रोफेसर पर आरोप है कि उन्होंने महामारी पर सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी और उससे जुड़ी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया । और अपनी इस बीमारी की जानकारी को जिला प्रशासन से छिपाते रहे । पुलिस के मुताबिक प्रोफेसर से पहले भी पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्होंने जमात में शिरकत करने से इन्कार कर दिया था । बुधवार रात कुछ साक्ष्य मिले तो उनसे दोबारा पूछताछ की गई ।

अब प्रोफेसर के जमात में शामिल होने की सूचना पर प्रशासन ने प्रोफ़ेसर और उनकी पत्नी को क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया । उन्हें और उनकी पत्नी को करैली थाना इलाके के महबूबा गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया गया है। साथ ही जानकारी छिपाने के आरोप में महामारी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में शिवकुटी थाने में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है ।