जुर्म की दुनिया में कुछ ऐसे लोग बैठे हैं, जो लोगों के दिलो दिमाग में बैठे कोरोना के डर को भुनाने में जुट गए हैं । डार्क वेब ऐसी ही जगह है । जहां कोरोना वायरस महामारी ने कुछ ऐसी चीजों की बिक्री शुरू करा दी है जो वहां कभी नहीं होती थी। वहां वायरस डिटेक्टर्स से लेकर कोरोना वायरस की ‘वैक्सीन’ तक बेची जा रही है।
यही नहीं, चोरी-छिपे गैरकानूनी तरीके से रिकवर हो चुके कोरोना मरीजों का खून बेचा जा रहा है। Agartha नाम की एक डार्क वेब मार्केट पर ‘कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी के लिए कोरोना को हराने वाले मरीज का प्लाज्मा सूचीबद्ध है । इसमें बेचने वाले ने 25ml प्लाज्मा से शुरुआत की थी। फिर 50ml, 100ml, 500ml के पैकेट्स भी लिस्ट किए। अब वह 10.86 लाख रुपये में एक लिटर खून बेचने का दावा कर रहा है।
कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच प्लाज्मा थेरेपी एक नई उम्मीद है । ऐसा माना जा रहा है कि COVID-19 से ठीक हो चुके मरीजों के प्लाज्मा से बाकी मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है। जिस मरीज को एक बार कोरोना का संक्रमण हो जाता है, वह जब ठीक होता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी डिवेलप होती है। यह एंटीबॉडी उसको ठीक होने में मदद करते हैं।
ऐसा व्यक्ति रक्तदान करता है। उसके खून में से प्लाज्मा निकाला जाता है और प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी जब किसी दूसरे मरीज में डाला जाता है तो बीमार मरीज में यह एंटीबॉडी पहुंच जाता है, जो उसे ठीक होने में मदद करता है। एक शख्स से निकाले गए बीच की मदद से दो लोगों का इलाज संभव बताया जाता है। कोरोना नेगेटिव आने के दो हफ्ते बाद वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।