भदोही :: यूपी में पुलिस ने अपने खाते में गुडवर्क की संख्य बढ़ाने के लिए फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। जब मामले का खुलासा हुआ तो न केवल थाना प्रभारी समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज हुआ बल्कि 7 पुलिसकर्मी भी सस्पेंकड कर दिए गए। अपर पुलिस अधीक्षक प्रोटोकॉल वाराणसी अनुराग दर्शन की जांच रिपोर्ट पर यह कार्यवाई की गई है। इन लोगों ने एक ट्रक से 40 बंधुआ मजूदरों को छुड़ाने का दावा किया था जबकि असलियत है कि ये मजदूर ट्रक में बैठकर पुणे नौकरी करने जा रहे थे।
अब इन सभी पुलिस कर्मियों पर झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज और गलत विवेचना करने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक 12 जुलाई 2020 को तत्कालीन कोइरौना थाना प्रभारी संजय कुमार राय के निगरानी में उप निरीक्षक राम आशीष अपने 4 हमराही सिपाहियों के साथ 40 बंधुआ मजदूरों को छुड़ाने का दावा किया था और जिस ट्रक में यह सब मज़दूर सवार थे उसको सीज करने का काम किया था और ट्रक चालक का चालान भी कर दिया था। ट्रक नंबर MH 15 GV 6324 को सीज करते हुए ट्रक चालक के विरुद्ध थाना कोईरौना धारा 370(5) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले की विवेचना उप निरीक्षक आद्या प्रसाद यादव और उप निरीक्षक नेमतुल्लाह खान को सौंपी गई थी। लेकिन इन दोनों ने भी सही तथ्यों को पेश ना करते हुए लापरवाही दिखाई। अब विवेचना करने वाले दोनों सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर उनके खिलाफ जांच की जा रही है।