केशव प्रसाद मौर्य की ओर से दिया गया बयान एक तरह से भाजपा का ओम प्रकाश राजभर की राजनीति से किनारा करने का संकेत है…राजनीति तब तक चलती है… जब तक वो दिखती है… जबतक साथ वाले को एहसास होता इनमें तो दम है… तबतक पूछ होती… तबतक हाथों हाथ लिया जाता है… हर बात पर हामी भरी जाती है… राजनीति में कभी जो जिसके लिए खिलाड़ी होता है उसी के लिए अनाड़ी हो जाता है… सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के लिए क्या ऐसे दिन आ गए हैं… क्या ओपी राजभर के लिए घोसी की हार के लिए महंगी पड़ने वाली है… इस रिपोर्ट को आखिर तक देखिए…राजभर के साथ बीजेपी क्या करने वाली है… उसकी जानकारी हो जाएगी…


बीते 8 सितंबर को उत्तर प्रदेश के घोसी उपचुनाव के नतीजे आए तो NDA गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा… बीजेपी से उम्मीदवार दारा सिंह चौहान इस चुनाव करीब 42 हजार वोटों से हार गए… सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह करीब 42 हजार वोटों से जीत गए… सुधाकर की यही जीत… दारा की यही हार अब सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के लिए महंगी पड़ रही है… ये बात डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान से झलकने लगे… सुभासपा और बीजेपी के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था… इस गठबंधन का एलान होने के बाद घोसी से समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह चौहान ने पार्टी छोड़ दी… उन्होंने घोसी विधानसभा से विधायक की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया… दारा का उस वक्त विश्वास हाई था… पूरी तरह से वो मान कर चल रहे थे… जीत तो उन्हीं की होगी… लेकिन जब उपचुनाव हुआ तो उन्हें सपा के उम्मीदवार सुधाकर सिंह के सामने 42 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली…हालांकि इन सबके बीच गठबंधन का एलान होने के बाद से ही ओम प्रकाश राजभर लगातार योगी मंत्रीमंडल में शामिल होने का दावा करते रहे… इतना ही नहीं उन्होंने घोसी उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई बना ली… पूरे उपचुनाव के दौरान सुभासपा प्रमुख के बयानों पर विवाद होते रहा… इस दौरान उन्होंने न केवल चुनाव में जीत का दावा किया, बल्कि कई मौकों पर उन्होंने अपने मंत्री बनने की बात को दोहराई…


अब माना जा रहा है कि घोसी उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की हार ने ओम प्रकाश राजभर का पूरे सपने का बेड़ा गर्क कर दिया… सुभासपा प्रमुख के हवा-हवाई दावे की इस हार के साथ अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने आइना दिखा दिया…एक न्यूज एजेंसी के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 16 सितंबर को एक इंटरव्यू में उनके मंत्री बनने के दावे पर जवाब दिया…डिप्टी सीएम ने कहा…

मंत्रीमंडल का विस्तार और मंत्री परिषद में किसी को शामिल करना या नहीं करना, ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है… इसपर न मैं बोल सकता हूं और न ओम प्रकाश जी को बोलना चाहिए था… इस प्रकार की बात को बोलने का कोई औचित्य नहीं है… मैं ये मानता हूं कि अगर ऐसा कोई विषय होगा तो मुख्यमंत्री जी के ही माध्यम से सुचना मिलेगी


एक तरह से केशव ने चुभता हुआ संदेश सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को दे दिया… बता दिया… इधर उधर जिधर भी आप दावे कर रहे हैं… ऐसा वैसा किस भी तरह का दावा करने से परहेज कीजिए… केशव ने इसे आगे जो बात कही… वो एक तरह सीधा मैसेज ना सिर्फ राजभर बल्कि दारा के लिए भी है…केशव प्रसाद मौर्य ने कहा,


कोई भी मंत्री परिषद है उसमें उसका जो मुखिया है वही ये तय करेगा कि उसके मंत्री परिषद में कौन आएंगे

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का ये बयान काफी कुछ कहता है… इनके बयान के बाद अब सियासत का गणित समझने वाले कहने लगे हैं कि राजभर के सपना अभी अधुरा ही रहेगा… राजभर को तो कुर्सी मिलने से रही… क्योंकि केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें योगी के दिल की बात बता दी… राजभर और दारा को संदेश दे दिया…कुर्सी मिलेगी या नहीं मिलेगी… ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तय करेंगे… इस फैसले के बीच कोई भी नहीं आ सकता है… ना तो बीजेपी आलाकमान, ना पीएम मोदी और ना ही बीजेपी के चाणक्य अमित शाह…… क्या फिर केशव ये कह रहे हैं… संभलकर बोलिए बाबा नाराज हो जाएंगे… तो जो कुर्सी मिलने की संभावना है… वो भी ध्वस्त हो जाएगी… खाली हाथ रह जाएंगे…दरअसल, हार के बाद बीते दिनों ओपी राजभर ने फिर से मंत्री बनने का दावा किया था… अब केशव प्रसाद मौर्य का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब वो दिल्ली के दौरे पर हैं और उन्होंने बीजेपी हाईकमान के कई नेताओं से मुलाकात की है…