हरियाणा सरकार में आईएएस अधिकारी रानी नागर ने प्रशासिनक पद से इस्तीफा दे दिया है। रानी ने इसकी घोषणा ट्विटर पर की । जिसमें उन्होंने लिखा
मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी जिला गौतमबुद्धनगर, आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने आज दिनांक 04 मई 2020 को आईएएस के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं और मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ से अपने पैतृक शहर गाजियाबाद वापस जा रहे हैं। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।
मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने आज दिनाँक 04 मई 2020 को आई. ए. एस. के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं व मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ से अपने
— Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 4, 2020
आपको बता दें कि IAS रानी नागर का मामला राजनीतिक सुर्खियों में है। मूल रूप से ग्रेटर नोएडा के बादलपुर की रहने वाली हैं। उनका मामला बीएसपी प्रमुख मायावती भी उठा चुकी हैं। मायावती ने रानी के समर्थन में ट्वीट किया था। मायावती के बाद राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, बीएसपी सांसद मलूक नागर, बीजेपी के पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर और विभिन्न सामाजिक संगठन उनका मुद्दा उठा रहे हैं और न्याय दिलाने के लिए संघर्ष की बात कह रहे हैं।
ये भी जान लीजिए रानी नागर हरियाणा में सोशल जस्टिस ऐंड एम्पावरमेंट डिपार्टमेंट में अडिशनल डायरेक्टर थीं। उन्होंने इस्तीफे के पीछे सरकारी ड्यूटी के दौरान सुरक्षा न होने का हवाला दिया है। रानी नागर के इस्तीफे के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। रानी नागर ने इस्तीफा देने के बाद इसकी जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट पर भी पोस्ट की। वह कई दिनों से सरकार से सुरक्षा की मांग कर रही थीं लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई, जिससे नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दिया है।
रानी नागर ने एक सीनियर आईएएस अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसका केस कोर्ट में चल रहा है। रानी ने अपनी और अपनी बहन की जान को खतरा बताकर अपने लिए सुरक्षा मांगी थी लेकिन कई बार अनुरोध के बावजूद सरकार ने उन्हें सुरक्षा नहीं दी। इस्तीफे के बाद रानी ने सरकार से सामान के साथ अपने घर जाने की अनुमति मांगी है।