भारत ने कोरोना से लड़ने के मामले में अमेरिका-चीन और इटली जैसे देश को पछाड़ दिया है । जिस चीन से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई । जहां मृतकों का आंकड़ा 3 हजार पार कर गया । करीब 81 हजार लोगों में इसके संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से 57 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 3 हजार लोग संक्रमित हैं। सबसे बुरा हाल तो इटली का है, जहां 1400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 21 हजार से भी अधिक संक्रमित हैं। लेकिन भारत ने इस मामले में सतर्कता बरती । यही वजह है कि एक अरब से ज्यादा आबादी वाले भारत में 100 लोग ही कोरोना वायरस से संक्रमित है जबकि 2 लोगों की मौत हुई है ।
भारत ने अमेरिका से पहले शुरू की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग
अमेरिका से पहले ही भारत ने विदेश से लौटने वाले यात्रियों की जांच शुरू कर दी थी। भारत में 22 जनवरी के करीब ही कोरोना वायरस को लेकर एयरपोर्ट पर जांच शुरू हो गई थी, लेकिन अमेरिका ने 25 जनवरी के बाद ये कदम उठाया। बता दें कि अमेरिकी मीडिया ने इस बात पर जोर भी डाला था कि कोरोना के कुछ मामले मिलने के बावजूद वहां की सरकार ने एयरपोर्ट पर इसकी जांच शुरू नहीं की है।
वक्त रहते कर ली आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था
भारत ने शुरुआत से ही आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था कर दी थी, ताकि विदेश से निकाले गए लोगों और अन्य कोरोना संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा जा सके। अब तक किसी भी संक्रमित शख्स ने सरकार पर उंगली नहीं उठाई है। इतना ही नहीं, किसी ऑथेंटिक ऑर्गनाइजेशन ने भी भारत सरकार की तैयारियों पर कोई नेगेटिव प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत ने विकसित देश इटली से भी अच्छा काम किया
इटली जैसा छोटा और विकसित देश कोरोना का नया वुहान बन गया है, लेकिन 135 करोड़ की आबादी वाले देश भारत में कोरोना वायरस नियंत्रण में है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि भारत ने बिल्कुल सही समय पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एयरपोर्ट पर जांच शुरू कर दी थी, जबकि इटली ने लापरवाही बरती। वैसे भारत ने इटली से आने वालों की स्क्रीनिंग करने में देरी कर दी, वरना भारत में संक्रमण और भी कम होता।
अपने नागरिकों के रेस्क्यू के मामले में भी भारत टॉप पर
रेस्क्यू ऑपरेशन के मामले में भारत टॉप पर है। जहां पाकिस्तान जैसे देश ने अपने नागरिकों को चीन में ही छोड़ दिया, वहीं भारत ने हर भारतीय नागरिक को निकाल लिया। भारत से सबसे अधिक फ्लाइट भेजी गई हैं। समय रहते अपने नागरिकों को निकालने की वजह से भी यहां संक्रमण काफी कम है। हाल ही में ईरान से भी 234 भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया गया है।
कोरोना को बड़ी हस्तियों ने भी गंभीरता से लिया
भारत ने कोरोना वायरस के खौफ को दबाने के बजाय लोगों को उससे निपटने के तरीके बताए। नेताओं ने बड़े समारोह या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद कर दिया और लोगों से भी ऐसा ही करने की गुहार लगाई। खुद पीएम मोदी होली मिलन समारोह में नहीं गए। यही वजह है कि दुनिया में कई बड़ी हस्तियों को कोरोना हो रहा है, खुद ट्रंप ने जांच करवाई है, लेकिन भारत में अभी तक ऐसी स्थिति नहीं है।
सभी मंत्रालय हो गए सतर्क, जारी हुईं अडवाइजरी
एक ओर चीन है, जिसने उस डॉक्टर को ही दंडित कर दिया, जिसने कोरोना से सतर्क किया था, लेकिन भारत ने बिना किसी लापरवाही के तत्परता दिखाई। सभी मंत्रालय सतर्क हो गए। खुद पीएम मोदी भी सतर्क हो गए। संक्रमण रोकने के लिए अडवाइजरी जारी होती रहीं। संसद के जरिए स्वास्थ्य मंत्री तैयारियों का लगातार विस्तृत ब्योरा देकर देश को आश्वस्त करते रहे।
सैंपल टेस्टिंग और लैब की मजबूत व्यवस्था
भारत में अब तक करीब 70 हजार सैंपल के टेस्ट हो चुके हैं और लगभग 35 हजार लोगों को कम्युनिटी सर्विलांस पर रखा गया है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक गंगा खेड़कर ने कहा है कि अभी हमारे पास 1 लाख किट उपलब्ध हैं और 2 लाख अतिरिक्त किट का ऑर्डर दे दिया गया है। उनके मुताबिक अभी भारत रोजाना करीब 10 हजार टेस्ट करने की क्षमता रखता है। सैंपल टेस्ट करने के लिए 65 लैब हैं और सेकेंडरी टेस्ट के लिए भी 32 लैब मौजूद हैं। ये सब दिखाता है कि भारत कितनी मजबूती से कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है।