भाजपा की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी मंगलवार को आखिरकार सपा की चौखट पर पहुंच ही गए। मतदान की पूर्व संध्या पर उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। दोनों में करीब घंटेभर बातचीत हुई। इसे सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है। इस मुलाकात को ब्राह्मण वोटबैंक को सपा के पक्ष में गोलबंद करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

सांसद रीता बहुगुणा जोशी भाजपा से बेटे मयंक के लिए टिकट मांग रही थीं। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया था कि बेटे को टिकट दिया जाए। पार्टी का निर्देश होगा तो वह सांसद का पद छोड़ देंगी, लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया। इस पर मयंक जोशी का सपा में जाना तय हो गया था। लखनऊ के उम्मीदवारों की घोषणा से पहले मयंक जोशी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुलाकात की अटकलें चलीं। हालांकि इस बात पर सपा ने मुहर नहीं लगाई और कैंट से राजू गांधी को उम्मीदवार घोषित कर अटकलों पर विराम लगा लिया।

लेकिन लखनऊ में मतदान से ठीक पहले मंगलवार शाम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मयंक जोशी के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मयंक जोशी से शिष्टाचार भेंट। लेकिन इस भेंट को सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है।

कैंट विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में ब्राह्मण मतदाता हैं। इसमें ज्यादातर उत्तराखंड के हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि सपा ने मतदान से पहले मयंक जोशी को घर बुलाकर ब्राह्मण वोटबैंक को साधने का प्रयास किया है। अब देखना यह होगा कि ऐन वक्त पर मयंक जोशी की मुलाकात सपा के लिए कितना फायदेमंद साबित होती है।