akhilesh yadav on om prakash rajbhar

हाइलाइट्स

  • अखिलेश-शिवपाल की जोड़ी ने अब राजभर को इग्नोर करने का बना लिया प्लान… राजभर के बोल अब मुकाबला करेगा सिर्फ एक ही नेता !
  • ओपी राजभर को जब लगी भनक… दिमाग में तरह तरह के उठने लगे सवाल… याद आने लगा घोसी का रण
  • अखिलेश-शिवपाल के फैसले राजभर हैं परेशान… दोनों की रणनीति से बचने के लिए निकाल रहे रास्ता… आंखों में आ रहा सिर्फ नवरत्न का चेहरा


ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) चैलेंज कर रहे है घोसी उपचुनाव में जीत से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मुगालते में रहे कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी धमाल कर देंगे… इधर अखिलेश-शिवपाल, 24 में राजभर की राजनीति को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए एक रणनीति पर काम रहे हैं… राजभर कह रहे हैं… घोसी उपचुनाव सिर्फ एक चुनाव भर था… देश के चुनाव में सपा की लुटिया डुब जाएगी…इधर अखिलेश-शिवपाल की जोड़ी ने ओपी राजभर की राजनीति को ध्वस्त करने के लिए पूरा प्लान बना लिया है… माना जा रहा है… लोकसभा चुनाव के दौरान भी घोसी के योद्धा में से एक को उनके पीछे लगाने का मन बना लिया है…. हालांकि उसके पास राजभर के जितने सियासी अनुभव तो नहीं…. लेकिन ओपी राजभर से ज्यादा जोश है… राजभर से ज्यादा फैन फॉलोविंग है… घोसी में तो उसकी बातों, उसके किए दावों को लोगों ने राजभर से ज्यादा गंभीरता से सुनी… राजभर से ज्यादा विश्वास किया… इस बार भी अखिलेश-शिवपाल ने उसको सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के पीछे लगा दिया… इसका ऐलान तो नहीं किया… लेकिन संकेत जरूर दे दिया…जीहां 2024 की लड़ाई में ओमप्रकाश राजभर की राजनीति को तोड़ने के लिए नवरत्न यादव को सपा की ओर से आदेश मिल चुका है… जहां जहां राजभर प्रचार करेंगे… वहां वहां अब नवरत्न यादव प्रचार करेगा…

वैसे भी कहा जाता है… सियासत के शतरंज की बिसात पर एक चाल ढ़ंग से चली जाए तो सामने वाला कही का नहीं रहता है… बस एक नैरेटिव तरीके से बना लिया जाए…. तो सियासत के बड़े से बड़े तुर्रम खां जमीन पर आ जाते हैं… सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के साथ ऐसा ही हुआ… घोसी उपचुनाव में वो तरह तरह के दावे करने में लगे थे… इधर सपा ने उनकी राजनीति को महराजगंज के रहने वाले नवरत्न यादव से भी कंमतर आंक लिया… उस वक्त जब भी राजभर की तुलना होती तो अखिलेश-शिवपाल से नहीं बल्कि नवरत्न यादव यादव से होती…. राजभर के खिलाफ नवरत्न को प्रोजेक्ट किया जाने लगा… नवरत्न को भी ओपी राजभर पर जवाब देने में मजा आने लगा… वो भी ओपी राजभर की राजनीति के खिलाफ तरह तरह की बाते करने लगा… तरह तरह दावे करने लगा… जब भी उससे सवाल किया जाता तब उसे ओपी राजभर की सियासत पर वार करने में मजा आने लगा… वो ओपी राजभर को तरह तरह के उपमा से नवाजने लगा…


नवरत्न को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के पीछे लगाने से एक साथ कई फायदा सपा को हो सकता है… जैसा कि घोसी उपचुनाव में हुआ… माना जा रहा है… ओपी राजभर के बड़बोलेपन को तोड़ने के लिए नवरत्न यादव को अब उनके सामने उन्हें घेरने के लिए सपा की ओर से तैयार किया जाएगा… सबसे बड़ा फायदा सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की राजनीति, नन्हे सपाई नवरत्न यादव के सामने ये सोचकर ही असहज हो जाएगी… कि उसके सामने उसे जवाब देने के लिए एक बच्चा है… उन्हें और उनकी राजनीति को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो हल्के में ले लिया है… जब नवरत्न ओपी राजभर की राजनीति के सामने दीवार बनकर खड़ा होगा… तो जैसा घोसी उपचुनाव में हुआ ठीक उसी तरह से सपा के रणनीतिकार मान चल रहे हैं… लोग ओपी राजभर के दावों को गंभीरता से नहीं लगेंगे… क्योंकि नवरत्न अपने तरीके से उसकी पोल पट्टी खोलेगा… अब इसलिए कहा जा रहा है… सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर परेशान हैं… हैरान हैं… सोच में हैं… नवरत्न के तीखे बोल से बचने रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं… अभी तक रास्ता मिला तो नहीं है… प्रयास जारी है…