swami prasad maurya sanatan dharma

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने सनातन धर्म पर ऐसा ज्ञान दिया… लगा कि वो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को ज्ञान दे रहे हैं… ऐसा लगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य उन्हें समझा रहे हैं… जो आप कह रहे हैं… वैसा है नहीं… जो है नहीं उसपर वैसा क्यों बोल रहे हैं… स्वामी की बातों को सुनेंगे तो यहीं कहेंगे… वो एक तरह से उदयनिधि को फटकार रहे हैं… मानों कह रहे हो… आपका ज्ञान अधूरा है… ज्ञान है नहीं तो क्यों बोल रहे हैं… बोलने से पहले सोच लेना चाहिए… जीहां सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने शब्दों से सनातन धर्म की ऐसी व्याख्या की… सुनेंगे तो यही कहेंगे ऐसी व्याख्या तो अबतक किसी ने नहीं की… वैसे व्याख्या अबतक अब तक जिसने भी सनातन को अपने शब्दों में परिभाषित किया… सनातन धर्म को जिस तरह स्वामी प्रसाद मौर्य अपने शब्दों से संस्कारित किया है… उसकी मर्यादा की असलियत से वाकिफ कराया है… उससे ये साबित हो गया है… जो बीजेपी समर्थकों की ओर से दावे किए जा रहे थे… स्वामी हिंदू विरोधी हैं… सनातन पर उनके विचार को जानकर अब लोग यही कहेंगे… स्वामी तो सनातनी है… उनका विरोध हिंदूओं से नहीं… बल्कि उनसे है हिंदूओं को ये बताने से गुरेज नहीं करते कि हिंदुओं के वे ही खेवनहार हैं…


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए विवादित बयान के बाद देश की राजनीति गर्माई हुई… उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि नष्ट कर देना चाहिए… इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने भी सनातन को लेकर विवादित बयान दिया था… इसी बीच अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी सनातन धर्म को लेकर बयान दिया है… अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चाओं में रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए सनातन धर्म को लेकर अपनी राय बताई है…. उन्होंने लिखा कि सनातन एक ऐसा व्यावहारिक सत्य है, जो प्रत्येक देश-काल, परिस्थिति में अपने गुणों व कार्यों से जीवनन्तता बनाए रखता है… सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पोस्ट किया है…


सनातन सत्य है, शास्वत् है, व्यावहारिक है, वैज्ञानिक है जैसे सूर्य हमें प्रकाश देता है, लाखो साल पहले भी देता था और आगे भी देता रहेगा… पृथ्वी, वायु, जल, नभ ये सभी हमें जीवन देतें हैं, ये पहले भी देतें रहे हैं और आगे भी देतें रहेंगे, यही सनातन है… प्रत्येक बच्चा मां की पेट से पैदा होता है, यह सनातन है. मानवता का सम्मान, समता का व्यवहार, सबको न्याय ही सनातन है… न हि वेरेन वेरानि, सम्मन्तीध कु दाचनं। अवेरेन च सम्मन्ति, एस धम्मो सनन्तनो।। सनातन, सनातन था, है और आगे भी रहेगा…


स्वामी ने इसके बाद जो कहा वो एक तरह से उदयनिधि स्टालिन की बातों में हामी जैसी ही है… लेकिन जिसे उदयनिधि ने सनातन के अवगुण मानकर व्याख्या की थी… वैसी बात स्वामी को सनातन धर्म में नहीं दिखती है… सनातन धर्म के नाम पर जो आडंबर करते हैं… उसको स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने निशाने पर लिया… स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे पोस्ट में लिखा…


जाति-पांति, छुआछूत, ऊंच-नीच, भेदभाव, विषमता, ढोंग-ढकोसला, कुरीतियाँ तथा मुँह से ब्राह्मण, बाहु से क्षत्रिय, जंघे से वैश्य, पैर से शूद्र की उत्पत्ति बताना, सनातन नहीं अपितु मानवता के लिए अभिशाप व कैंसर से भी ज्यादा ख़तरनाक बीमारी है…


अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने जब सनातन पर अपनी व्याख्या रखी… उनके बारे में जिसने भी ये राय बनाई होगी… जिसने भी ये कहा होगा स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म के विरोधी हैं… उनकी सोच पर ये एक बड़ा प्रहार है… एक तरह से स्वामी ने बता दिया सनातन धर्म से उन्हें प्यार है… लेकिन उनका वो विरोध करते रहेंगे जो सनातन धर्म पर अपना एकाधिकार समझते हैं… सनातन की व्याख्या अपनी सुविधा के मुताबिक करते हैं…