Sanghmitra Mauryaके दावे से Swami Prasad Maurya हैरान !
Sanghmitra Mauryaके दावे से Swami Prasad Maurya हैरान !

अगर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी औऱ बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य की ओर से किया गया दावा सच हुआ… तो स्वामी प्रसाद मौर्य क्या करेंगे… क्या फैसला लेंगे… उनकी बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य का दावा सच हो गया… तो स्वामी प्रसाद मौर्य की पूरी सियासत, दांव में पड़ जाएगी… अब तक स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने शायद ही ऐसा कोई फैसला आया होगा… शायद ही इस तरह के धर्म संकट में फंसे होंगे… जैसा कि संघमित्रा मौर्य की ओर से दिए गए बयान के बाद वो फंसे… ऐसे फंसे कि अब निकलना उतना आसान नहीं होगा… जितना कि वो अभी कह रहे कि उनकी राजनीति अलग है और उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य की राजनीति अलग है… दोनों की राजनीति अलग अलग तरीके की है… लेकिन क्या एक पिता अपनी बेटी की सियासी महात्वाकांक्षा को अपनी सियासत को रफ्तार देने के लिए कुर्बान कर देंगे… क्या एक पिता अपनी बेटी के सियासी विकास के रास्ते में रोड़ा बनेगा… उनकी विकास वाली रफ्तार को थामने के लिए गुणा गणित करेंगे…. ऐसे में सवाल ये हैं… आखिर संघमित्रा मौर्य ने ऐसा क्या कह दिया… जो स्वामी की सियासत के लिए हानिकारक होने वाली है…इस रिपोर्ट को आखिर तक देखिए पूरी बात समझ जाएंगे…

सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य इस वक्त सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद ही खास है… भले ही रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा में नेताओं का एक वर्ग एकजुट होकर हमला ही क्यों ना कर रहे हों… लेकिन अखिलेश यादव का स्वामी को पूरा समर्थन है…तभी तो अखिलेश ने रामचरितमानस विवाद के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रमोशन देकर राष्ट्रीय महासचिव बनाया… रामचरितमानस पर अभी विवाद की रफ्तार धीमी हुई है… हालांकि बयानबाजी अब भी जारी है… जो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से शुरू हुई थी… बदायूं से बीजेपी सांसद और सपा नेता की बेटी संघमित्रा मौर्य के बयान ने इस और हवा दी… जिसके बाद यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा था…सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य इस वक्त सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद ही खास है… भले ही रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा में नेताओं का एक वर्ग एकजुट होकर हमला ही क्यों ना कर रहे हों… लेकिन अखिलेश यादव का स्वामी को पूरा समर्थन है…तभी तो अखिलेश ने रामचरितमानस विवाद के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रमोशन देकर राष्ट्रीय महासचिव बनाया… रामचरितमानस पर अभी विवाद की रफ्तार धीमी हुई है… हालांकि बयानबाजी अब भी जारी है… जो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से शुरू हुई थी… बदायूं से बीजेपी सांसद और सपा नेता की बेटी संघमित्रा मौर्य के बयान ने इस और हवा दी… जिसके बाद यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा था…

भूपेंद्र चौधरी के बयान के बाद बीजेपी सांसद ने कहा, कि वो आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर बदायूं से दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है… अगला लोकसभा बदायूं से ही लड़ेंगी…. बदायूं में वो लगातार बनी हई हैं… लगातार काम कर रही हैं…अब ऐसे में अगर संघमित्रा मौर्य का ये दावा सच होता है तो फिर इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए अलग चुनौती बन सकती है क्योंकि यहां से पिछली बार अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़े थे…

इस बार भी धर्मेंद्र यादव के बदायूं से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है… अगर ऐसा होता है तो स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए सपा और बीजेपी दोनों ही चुनौती बन जाएंगी… तब अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के आमने सामने होने की संभावना भी बन सकती है… हालांकि ऐसा तब होगा जब स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बेटी का समर्थन करते हैं…. इस हालत में सपा नेता को अखिलेश यादव के खिलाफ भी वोट मांगना पड़ सकता है… दूसरी ओर अगर बीजेपी सांसद का दावा सच हुआ तो पहली चुनौती ये स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए बनेगी… सपा नेता को अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा कि वो अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव के पक्ष में रहेंगे या फिर अपनी बेटी के लिए बीजेपी के साथ जाएंगे…. इन दोनों ही परिस्थितियों में सबसे बड़ी चुनौती सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए होने वाली है…