Sanjay Nishad की सियासत का नया तराना…Kajal Nishad को ताना | संजय निषाद क्यों कहने लगे, काजल आप सपा में क्यों चली गई ?

संजय निषाद की सियासत का नया तराना… काजल निषाद को ताना
गोरखपुर में संजय निषाद परेशान… काजल निषाद की किस बात से हैरान !
काजल निषाद ने संजय निषाद को दिया सम्मान… संजय निषाद ने छलका दिया अपना दर्द

भोजपुरी फिल्मों की स्टार काजल निषाद नगर निकाय चुनाव में मेयर पद पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए जनता के बीच जाकर पसीना बहा रही है… तो निषाद समाज से आने वाले, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद प्रणायाम, कपालभाति, अनुलोम-विलोम के जरिए सियासी प्रक्रिया के लिए अगले रास्ते को तैयार करने में बिजी दिख रहे हैं… ध्यान मुद्रा में आकर, सांसों की रफ्तार को सामान्य करने की जद्दोजहद कर रहे हैं… ऐसा लग रहा है… एक डर जो कही छिपा है… उस डर से मुकाबला कर रहे हैं… ऐसा लग रहा है… रील लाइफ में उपलब्धियां दर्ज कराने के बाद रियल सियासत में अखिलेश की अगुवाई में सियासी शतरंज की बिसात पर चाल चल रही काजल निषाद शायद उन्हें डरा रही है… संजय निषाद कहते हैं… किसी व्यक्ति से निषाद समाज का भला नहीं हो सकता है… भला हो सकता है… तो पार्टी से हैं… जो पार्टी निषाद समाज पार्टी है… तो क्या माना जाए ये डर हैं… अगर ये डर हैं… डराने वाले कौन हैं… क्या संजय निषाद की सियासत को डराने वालों की फेरिस्त में अब काजल निषाद आ गई है…

अब देखिए ना… काजल निषाद कहती है… संजय निषाद उनके ससुर के समान हैं… उन्हें जीत मिलेगी तो संजय निषाद खुश होंगे… जब यही सवाल संजय निषाद से पूछा गया तो उनका जवाब कुछ ऐसा था… जो काजल निषाद पर निशाना था…

संजय निषाद कह रहे हैं… 7 फरवरी 2014 को काजल निषाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ बोल रही थी… निषाद समाज पर लाठीचार्ज के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही थी… फिर अब ऐसा क्या हुआ कि वो अखिलेश के साथ हो गई… संजय निषाद राजनीतिक इतिहास के पन्ने को उलटने लगे… एक एककरके उनकी व्याख्या करने लगे… इसमें जो हुआ… उसके सपा को जिम्मेदार ठहराने लगे…