अलीगढ़
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की गिरफ्तारी के सिलसिले में आई पश्चिम बंगाल की पुलिस की पिटाई का मामला सामने आया है। दरअसल पश्चिम बंगाल में चार साल पहले हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद बीजेपी नेता योगेश वार्ष्णेय ने सीएम ममता बनर्जी का सिर काटकर लाने वाले को 11 लाख का इनाम देने का ऐलान किया था। उसी केस में बंगाल पुलिस यहां आई हुई थी। देर रात तक चले हंगामे के बाद स्थानीय पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया।

यह मामला बीजेपी नेता और युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष योगेश वार्ष्णेय से जुड़ा हुआ है। पश्चिम बंगाल सीआईडी के सब इंस्पेक्टर शुभाशीष और सिपाही आलमगीर गिरफ्तारी और कुर्की संबंधी नोटिस लेकर अलीगढ़ पहुंचे थे। ममता बनर्जी का सिर काट लेने संबंधी बयान को लेकर कोलकाता में 3 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। बंगाल पुलिस पहले भी योगेश की गिरफ्तारी के लिए आ चुकी है। शुक्रवार को टीम फिर से पहुंची, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।

बीजेपी नेता के समर्थक पहुंच गए और दोनों पुलिसकर्मियों को घेर लिया। आरोप है कि कमरे में बंद कर पिटाई भी की गई। इस बीच सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस ने बीच-बचाव किया और दोनों के छुड़ाकर साथ में ले गई। इस बात की सूचना मिलने पर सांसद सतीश गौतम, स्थानीय विधायक और बीजेपी पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हंगामा करते रहे।

बीजेपी नेता योगेश की तरफ से आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस सादी वर्दी में घर में घुस गई और उनके नहीं मिलने पर वहां मौजूद महिलाओं के साथ अभद्रता की। हल्ला मचने पर पड़ोस में रहने वाली पार्षद पहुंचीं तो उनके साथ भी धक्कामुक्की किए जाने का आरोप है। इस बात की जानकारी होने पर तमाम पार्टी समर्थक मौके पर पहुंचे और दोनों पुलिसकर्मियों की पिटाई शुरू कर दी।

स्थानीय क्षेत्राधिकारी ने फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर बंगाल पुलिस के दोनों कर्मियों को सुरक्षित निकाला। हंगामा देर रात तक चलता रहा। दोनों पक्षों की तरफ से अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया गया है। दरअसल, 2017 में वीरभूम जिले में हनुमान जयंती के अवसर पर हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ था। उसके बाद बीजेपी नेता योगेश वार्ष्णेय ने ममता के सिर पर 11 लाख का इनाम रखा था। इसको लेकर बंगाल से लेकर संसद तक हंगामा मचा था।