Swami Prasad Maurya को साथ देकर Akhilesh Yadav ने CM Yogi को धर्मसंकट में डाल दिया
Swami Prasad Maurya को साथ देकर Akhilesh Yadav ने CM Yogi को धर्मसंकट में डाल दिया

अब ये फुल और फाइनल हो गया… 2024 की लड़ाई में समाजवादी पार्टी बीजेपी से मुकाबला करने के लिए एक नई विचारधारा का साथ लेगी… जिसकी शुरुआत तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की… लेकिन अब ये सपाईयों के लिए मिशन हो गया… इस मिशन के साथ सपा के कार्यकर्ता से लेकर नेता चल पड़े हैं… इसका रिहर्सल भी शुरू हो चुका…. अब सपाई गर्व कह रहे हैं… हां हम शुद्र हैं… शुद्र बनकर बीजेपी से मुकाबला करेंगे…. तस्वीर देख लीजिए… सपाई कह रहे हैं… गर्व से कहो हम शुद्र है… वो एक बार नहीं बार बार कह रहे हैं… हम शुद्र हैं… जहां भी जा रहे हैं… वहीं कह रहे हैं… शुद्र हैं… जिससे भी मुलाकात कर रहे हैं… उनसे बस बात इसी पर कर रहे हैं… भईया हम लोग तो शुद्र हैं…आप क्या हैं…

दरअसल रामचरितमानस पर समाजवादी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादास्पद टिप्पणी की… जिससे सियासत गरमाई हुई है…. हिंदू संगठन और भारतीय जनता पार्टी के नेता समाजवादी पार्टी पर लगातार हमलावर हैं… इस बीच, राजधानी लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है…. पोस्टर में लिखा है कि ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’…. इस पोस्टर को अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रीय महासभा की ओर से लगाया गया है. पोस्टर पर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल का भी नाम लिखा गया है…. यअखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रीय महासभा मुंबई महाराष्ट्र के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर उत्तम प्रकाश सिंह पटेल के नाम और तस्वीर के साथ बड़े फॉन्ट में गर्व से कहो हम शूद्र हैं लिखा है… उसके ऊपर शूद्र समाज में 6743 जातियों के होने की बात के साथ ही जय संविधान और जय शूद्र समाज लिखा है…

इससे पहले अखिलेश यादव ने इसी तरह की बात कही थी… अखिलेश ने कहा था कि बीजेपी के लोग दलित को शूद्र मानते हैं… अखिलेश ने आगे कहा कि धार्मिक ग्रंथ के खिलाफ कोई नहीं है, न मैं खिलाफ हूं… भगवान श्रीराम के खिलाफ कोई नहीं है… रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है, लेकिन मैंने कहा है कि सीएम योगी एक बार वो चौपाई हमें पढ़कर सुना दें… क्या वो पढ़कर सुना सकते हैं? मैं मुख्यमंत्री जी से पूछने जा रहा हूं कि मैं शूद्र हूं कि नहीं हूं… मैं मंदिर में दर्शन करने जा रहा था, बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने गुंडागर्दी नहीं की? मुख्यमंत्री अगर योगी न होते, वह धार्मिक स्थान से न आए होते तो वह सवाल शायद मैं न पूछता, लेकिन क्योंकि वो योगी हैं और धार्मिक स्थान से उठकर सदन में आए हैं… इसलिए पूछा जा रहा है..

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीधे सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रामचरित्रमानस की कुछ चौपाईयों पर बहस करने की चुनौती दे रहे हैं…तो स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी कही बात पर अडिग है… उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,

देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के सम्मान की बात करने से तथाकथित धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची क्यों लग रही है… आखिर ये भी तो हिंदू ही हैं… क्या अपमानित होने वाले 97 प्रतिशत हिन्दुओं की भावनाओं पर अपमानित करने वाले 3 प्रतिशत धर्माचार्यों की भावनाएं ज्यादा मायने रखती हैं…

यानी साफ जिसका आरंभ पहले स्वामी ने किया… जिसपर पहले बवाल हिंदू संगठनों और बीजेपी ने किया… अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पार्टी से लेकर कार्यकर्ता इसे अपने तरीके से अंत कर रहे हैं…. एक नई राजनीति की रणनीति को आगे बढ़ रहे हैं… बीजेपी की भगवा राजनीति के सामने शूद्र पॉलिटिक्स को रख रहे हैं….कह रहे हैं गर्व से कहो हम शुद्र हैं…