लखनऊ :- वो कहते हैं न राजनीति में कोई किसी का स्थायी दुश्मन नहीं होता, सबको सत्ता की चाबी चाहिए और लोकसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन के बाद भी उत्तर प्रदेश में करारी हार और मायावती से गठबंधन टूटने के बाद से ही अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल को एक दूसरे की कमी महसूस होने लगी थी। एक तरफ जहां शिवपाल बार बार सपा से गठबंधन की बात कर रहे थे वहीं अखिलेश कुछ भी साफ कहने से बच रहे थे।
वही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने गुरुवार को बताया कि उनके द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने को लेकर जो याचिका दायर की थी वह वापस ले ली गई है। पत्रकारों ने जब यह पूछा कि क्या भविष्य में शिवपाल यादव सपा में शामिल होंगे, तो रामगोविंद चौधरी ने बताया कि राजनीति में कुछ भी सम्भव है।