Anupriya Patel को BJP से जबरदस्त झटका… मोदी-शाह-योगी से खफा अनुप्रिया की सियासी महत्वाकांक्षा !

अनुप्रिया पटेल को बीजेपी से लगा झटका… दोस्ती ‘महत्वाकांक्षा’ पर अटका !
2022 में अनुप्रिया की पार्टी ने किया था बेहतरीन प्रदर्शन… लेकिन 2023 में बीजेपी ने कर दिया खेल !
अनुप्रिया बीजेपी आलाकमान से खफा… अब पूछ रही क्या यही है वफा ! निकाय चुनाव में अपना दल को क्या मिला… जो मिला उसके बाद अनुप्रिया ने फैसला लेने का मन बना लिया !

यूपी में निकाय चुनाव का संग्राम चरम पर है… इस चुनाव को 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है… जीत और हार से तय होगा… 24 में होने वाले फाइनल में जनता का रुख किस ओर जाएगा… ये चुनाव एक तरह से पार्टियों के लिए खुद को आंकने का जरिया भी है… प्रैक्टिस करने का तरीका भी… इसलिए दुश्मन तो दुश्मन, दोस्त भी अपनी भरपूर भागीदारी दिखाने के लिए बेकरार है… लेकिन अगर जिनसे दोस्ती है… उनकी सियासी ताकत ज्यादा है… वो अगर अपने छोटे दोस्त खुद आंकने का मौका ही ना दे… तो सियासी दोस्ती में अंदरखाने खटपट शुरू हो जाती है… कुछ ऐसा ही अनुप्रिया पटेल के अपना दल के साथ हुआ है… बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव 2022 में शानदार प्रदर्शन करने वाली अपना दल एस को निकाय चुनाव में उतनी तवज्जो नहीं मिली है जितनी उनको उम्मीद थी… माना जा रहा है… अपना दल को केवल तीन सीट दिए जाने से अनुप्रिया पटेल भी खफा हैं… अपना दल को लगता था कि विधानसभा में अच्छे प्रदर्शन के बाद निकाय चुनाव में बीजेपी ज्यादा सीटें देगी लेकिन पहले चरण में केवल तीन सीटें मिलने के बाद अब दूसरे चरण के लिए अपना दल ने 70 सीटों पर दावा ठोंका है…दरअसल, यूपी में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अनुप्रिया पटेल की अगुआई वाली अपना दल को तगड़ा झटका लगा है… बीजेपी ने अपना दल को सिर्फ तीन सीटें दी हैं…

झांसी में एक नगर पालिका परिषद
प्रतापगढ़ में दो नगर पंचायत सीट मिली

हालांकि पहले चरण में जिन 10 मेयर सीटों के लिए मतदान होना है उनमें बीजेपी ने अपना दल को एक भी सीट नहीं दी गई है… दूसरे चरण के लिए भी इतनी ही सीटें मिलने की उम्मीद है जिसमें मेयर पद की शेष सात सीटों के लिए 11 मई को मतदान होगा…अब कहा जा रहा है… कि जमीनी स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अपने बड़े सहयोगी के साथ सीटों की संख्या को लेकर बातचीत चल रही है…अपना दल (एस) दूसरे चरण में कम से कम 70 नगर पालिका और नगर पंचायत सीटों पर दावेदारी की तैयारी कर रही है… इसमें बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के जिलों सहित 38 जिले शामिल हैं, जहां अपना दल के पास काफी मजबूत संगठनात्मक तंत्र है…

दूसरी ओर बीजेपी की दूसरी सहयोगी निषाद पार्टी को भी पहले चरण में एक भी सीट नहीं मिली थी… इसके बाद पार्टी ने निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का फैसला किया था…वहीं अपना दल ने बीजेपी की सहयोगी होने के बावजूद 2017 में पिछला नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ा था… अपना दल की बजाय बीजेपी ने उन सभी सीटों पर चुनाव लड़ा, जिन्हें अपना दल का गढ़ माना जाता है…अपना दल ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और 12 पर जीत हासिल की थी… वहीं, पार्टी के उम्मीदवार 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही… इसका फायदा पार्टी को मिला था… इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 में भी अनुप्रिया पटेल को दो सीटों पर जीत मिली थी… यूपी में क्षेत्रिय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद अब पार्टी की ताकत में भी इजाफा हुआ है…इसलिए अनुप्रिया पटेल को लगता है कि अब उसे पहले से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए…