Nand Gopal Nandi की सियासत के साथ खेल…प्रयागराज में 2024 के लिए केशव ने किया नया प्रयोग!

प्रयागराज में नंदी की सियासत के साथ खेल… केशव की सियासत से होने लगी मेल !
नंद गोपाल नंदी प्रयागराज में अलग थलग… दिल्ली जाकर अलापा राग… नहीं बना संयोग !
प्रयागराज में केशव की सियासत की गाड़ी चल पड़ी… नंदी की सियासत अभी धड़ी की धड़ी रह गई

सीएम योगी के मंत्री नंद गोपाल नंदी अपने जन्म दिन पर भावुक हैं… उस पल को याद कर रहे हैं… जब वो फर्श से अर्श तक पहुंचे… लेकिन वक्त कब पलटी मार ले ये कोई नहीं कह सकता… ये बिलकुल ही राजनीति की तरह अनिश्चित है… अब स्थितियां ऐसी बनी कि अपनी सियासत के एक ऐसे दौर में जा रहे हैं… जहां वो कभी रहा करते होंगे… नंदी प्रयागराज में सबसे अलग थलग पड़ रहे हैं…कोई अपना नहीं दिख रहा है… नंदी की सियासत को इस दौर में लाने वाला कौन हैं… प्रयागराज में चर्चा है… नंद गोपाल नंदी की राजनीति पर डिप्टी सीएम केश प्रसाद मौर्य की राजनीति हावी हो गई है… तभी दो फैसले ऐसे लिए गए जिसपर नंद गोपाल नंदी ने जो इशारा किया… उसका निशाना तो केशव प्रसाद मौर्य की ओर लग रहा है…

योगी सरकार में अपना कद रखने वाले नंद गोपाल नंद इस वक्त हैरान, परेशान और हताश है… भागमभाग में व्यस्त हैं… कभी यूपी की राजधानी लखनऊ से प्रयागराज की ओर रुख कर रहे हैं… तो कभी प्रयागराज से दिल्ली दरबार माथे को टिका रहे हैं… कोशिश यही है… जो दर्द एक बाद एक उन्हें मिलता जा रहा है… उससे बीजेपी आलाकमान निजात दे दे… कोई हल कोई सॉल्यूशन निकल आए… सियासी साख बच नंदी की कोशिश तो यही है… नंदी कि सियासत अचानक रसातल में जो गई है… उसकी पटकथा… कई महीनों पहले लिख दी गई… जब एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें वो अतीक अहमद के साथ बैठे नजर आए… जब अतीक की बहन ने अचानक से 5 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगा दिया… और इसी आरोप के बाद माना जा रहा है… कि बीजेपी आलाकमान नंदगोपाल नंदी से नाराज चल रहा था… परिणाम ये हुआ कि जो नन्दगोपाल नंदी अपनी पत्नी के लिए प्रयागराज से मेयर का टिकट भी मांग रहे थे… उन्हें बीजेपी ने पहले ही साफ कर दिया…सरकार के मंत्री या विधायक के परिजनों को टिकट नहीं मिलेगा… अभिलाषा नंदी की जगह बीजेपी ने उमेशचंद्र गणेश केशरवानी को टिकट भी दे दिया …नन्दी को दूसरा झटका तब लगा जब उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले रईसचन्द्र शुक्ला को केशव मौर्य ने बीजेपी में शामिल करा दिया…
माना जा रहा है कि इसके पीछे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य है… इस सियासी खींचतान में केशव प्रसाद मौर्य का कद जहां बड़ा होता दिख रहा है वहीं नन्दी के लिए मुश्किलें बढ़नी शुरु हो गई हैं… इतना ही नहीं नंदी ने जिस तरह से बागी अंदाज दिखाया… जिस पार्टी ने उन्हें सबकुछ दिया वही वही पार्टी उनकी नजर में प्राइवेट लिमिटेड पार्टी की तरह है… अब इससे ये साफ है कि आने वाले दिन उनके लिए अच्छे नहीं रहने वाले… इसके संकेत भी दिखने लगे… जब कभी सपाई रहे रईसचंद्र शुक्ला को भाजपाई बनाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया… जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी राजनीतिक ताकत मौजूद रहे हैं… प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रयागराज के सभी कद्दावर नेता आए… जिसमें केशव मौर्य के साथ रीता बहुगुणा जोशी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, फूलपुर से सांसद केसरी देवी पटेल सभी दिखे है… सिवाय नंदगोपाल नंदी को छोड़कर… एक तरफ रईसचंद्र शुक्ला के बीजेपी में आने से नन्दी को जहां बड़ा झटका लगा तो दूसरी ओर नन्दी को ना बुलाया जाना उनकी जली हुई सियासत पर नमक छिड़कने के जैसा था… तो क्या माना जाए… प्रयागराज में नंदी का सियासी युग अतीक अहमद के प्रकरण के बाद हासिए पर आ गया… और इसका फायदा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को मिला है… डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और नन्दगोपाल नन्दी दोनों ही प्रयागराज से आते हैं… लेकिन अगर अब से पहले प्रयागराज के मंझे हुए नए दौर के राजनेता के तौर पर जिक्र होता था… तो केशव प्रसाद मौर्य से ज्यादा नंद गोपाल नंदी का होता था… लेकिन प्रयागराज की सियासत में बीजेपी की ओर केशव प्रसाद मौर्य का युग लौट आया है… कही ना कही अपनी चिट्ठी के जरिए नंद गोपाल नंदी ने बीजेपी संगठन के जिस नेता की ओर किया… शायद वो केशव प्रसाद मौर्य हो सकते हैं…