उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद सीओ के कार्यालय की दीवार पर लिखा संदेश जमकर वायरल हो रहा है। इस संदेश में तो वैसे बहुत कुछ खास नहीं है, लेकिन सीओ ने चापलूसी पर प्रतिबंध लगा दिया है। सीओ कमलेश सिंह ने पैर छूने पर दो सौ रुपये जुर्माना लगाने का निर्णय लिया, जिसकी हर ओर तारीफ हो रही है। लोगों का कहना है कि पूरे प्रदेश में यह लागू होना चाहिए। सीओ खुद तो इसका पालन कर ही रहे हैं, वहीं स्टाफ भी सतर्क हो गया है।
सीओ शिकोहाबाद कमलेश सिंह ने अपने कार्यालय के बाहर लिखवाया है कि इस कार्यालय में बाबूजी नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। किसी व्यक्ति के कोई पैर न छुए। पैर छूने पर दो सौ रुपया जुर्माना लगेगा। सीओ के इस कदम की खासतौर से शिकोहाबाद सर्किल के ग्रामीण क्षेत्र में लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि पुलिस अधिकारी के इस रवैये से आमजन में पुलिस की जो खराब छवि बनी हुई है उसके प्रति लोगों की धारणा में काफी बदलाव आएगा। यही नहीं लोग अपनी बात को बड़े ही आत्म विश्वास के साथ पुलिस अधिकारी के समक्ष रख सकेंगे। सीओ के इस कदम उठाने के बाद यह सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं हर कोई इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
सीओ शिकोहाबाद कमलेश सिंह ने बताया कि जसराना एवं सिरसागंज सर्किल में तैनाती के दौरान भी मैं किसी से पैर नहीं छुआता था। शिकोहाबाद में इसको लागू किया है, फरियादी की बात सुनें और उसका सही निस्तारण करना हमारी जिम्मेदारी है। जुर्माना तो इसलिए लिखवाया गया कि फरियादी पैर छूने से बचें। विज्ञापन
बोले शिकोहाबाद के ग्रामीण युवा
शिकोहाबाद निवासी जितेंद्र कुमार ने बताया कि सीओ की इस पहल की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बुजुर्ग फरियाद देने के साथ पैर छूने लगते हैं। बाबूजी आदि शब्द कहते हैं उनके इस फैसले से काफी पुरानी प्रथा बंद होगी। लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ेगी। जिले के सभी थानों के साथ प्रदेश भर में यह लागू होना चाहिए।
वहीं बृहस्पतिवार को सीओ कार्यालय आए गौरव का कहना था कि अभी तक पुलिस अधिकारी सीट पर बैठे हों तो फरियादी अक्सर पैर छूने लगते हैं। लेकिन सीओ शिकोहाबाद के इस फैसले के बाद कार्यालय में काम करने का तौर तरीका ही बदल गया। स्टाफ भी देखता है कि कहीं कोई पैर तो नहीं छू रहा है। अब लोग निसंकोच होकर अपनी बात पुलिस अफसर के समक्ष रख सकेंगे। विज्ञापन
बताया गया है कि सीओ कमलेश सिंह ने कार्यालय की दीवार पर ये संदेश करीब 15 दिन पहले लिखवाया था, लेकिन हाल में ही ये वायरल होना शुरू हुआ। इसकी लोग जमकर प्रशंसा भी कर रहे हैं।