दरिंदगी का शिकार हुई ईश्वर शरण कॉलेज की छात्रा मूल रूप से सरायमरेज की रहने वाली थी। वह बघाड़ा स्थित गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। 22 जनवरी की रात वह दवा लेने जाने की बात कहकर हॉस्टल से निकली और फिर नहीं लौटी। उसकी रूम पार्टनर ने 23 जनवरी को उसके परिजनों को इस बात की जानकारी फोन से दी। दिन भर तलाश के बाद भी कुछ पता नहीं चलने पर शाम को परिजनों ने कर्नलगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने गर्ल्स हॉस्टल पहुंचकर जांच पड़ताल की तो पता चला कि सलोरी में ही रहकर तैयारी करने वाले आजमगढ़ निवासी अमन सिंह से उसकी बातचीत होती थी और वह 22 जनवरी की रात उससे मिलने गई थी। पुलिस को जब अमन को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि घटना वाले दिन वह छात्रा से मिलने के लिए सादियाबाद के पास स्थित सुनसान स्थान पर गया था।

इसी दौरान वहां तीन-चार लोग आए और दोनों को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। किसी तरह मौका पाकर वह वहां से जान बचाकर भाग निकला लेकिन इस दौरान छात्रा को हमलावरों ने पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस ने सोमवार सुबह सादियाबाद के आसपास रहने वाले 11 नशेड़ियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।
विज्ञापन

उनसे मिली जानकारी के आधार पर शाम छह बजे के करीब सादियाबाद के पास स्थित जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। करीब एक घंटे बाद जंगल के भीतर स्थित सूखे कुएं में छात्रा की लाश बरामद हुई।

कुएं में फेंके जाने, शव निकालने में लगी थीं चोटें
छात्रा के शव के पोस्टमार्टम के दौरान यह बात भी सामने आई कि मृतका के शरीर पर मिलीं चोटें कुएं में फेंके जाने के दौरान और फिर शव बाहर निकालने के दौरान आईं। दरअसल पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि शरीर पर मौजूद चोटें उसकी मौत के बाद आईं। यानी कुएं में फेंके जाने के दौरान ऊंचाई से गिरने की वजह से उसके सिर और कुएं में लगे लोहे के पाइपों से टकराने की वजह से शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आईं। उधर शरीर पर मिले खरोंच के निशानों की बाबत माना जा रहा है कि शव कुएं से बाहर निकालने के दौरान यह चोटें लगीं।

स्मैकियों का हाथ तो नहीं…धड़ल्ले से बिकती है स्मैक
प्रयागराज बीए की छात्रा के बेरहमी से कत्ल के मामले में भले ही उसके दोस्त को मुख्य संदिग्ध माना जा रहा है, लेकिन घटना में स्मैक के लती युवकों का हाथ होने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता। दरअसल जिस जगह यह घटना हुई, उसके आसपास स्मैक की धड़ल्ले से बिक्री होती है। शाम होते ही यहां नशेड़ियों का जमघट शुरू हो जाता है। जानकारों का यह भी कहना है कि अगर हिरासत में लिए गए छात्रा के दोस्त के बयान में जरा भी सच्चाई है, तो इस जघन्य वारदात को अंजाम स्मैकियों ने ही दिया।
घटनास्थल कर्नलगंज के सादियाबाद मोहल्ले के पास स्थित है। इसके करीब ही ढररिया, बघाड़ा और गल्ला बाजार मोहल्ले स्थित हैं। इन मोहल्लों में स्मैक की बिक्री धड़ल्ले से की जाती है। बघाड़ा में रहने वाला कुख्यात तस्कर बड़े पैमाने पर यह गोरखधंधा संचालित करता है। पूर्व में उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है। सूत्रों का कहना है कि तस्कर के गुर्गे घूम-घूमकर पूरे क्षेत्र में स्मैक की बिक्री करते हैं।

कर्नलगंज थाने में तैनात एक सिपाही की शह पर हो यह गोरखधंधा संचालित हो रहा है। पूर्व में क्राइम ब्रांच से हटाया गया यह सिपाही अक्सर स्मैक तस्कर की काली रंग की गाड़ी लेकर घूमता भी नजर आता है। दरअसल शाम होते ही आईईआरटी के आसपास के क्षेत्रों में स्मैकिओं को जमावड़ा शुरू हो जाता है। इससे पूर्व में भी छात्र-छात्राओं से मारपीट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।