साधन न मिलने के कारण चिलकहर ब्लाक के अंदौर निवासी शुकुल राजभर का अपनी बीमार पत्नी को 28 मार्च को ठेले पर लेकर चार किमी दूर चिलकहर पीएचसी जाने का वीडियो वायरल हुआ है। हालांकि चिलकहर से रेफर किए जाने पर शुकुल निजी साधन से पत्नी को जिला अस्पताल ले गए, लेकिन पत्नी की जान नहीं बचा पाए। अब सवाल उठने लगे हैं कि यदि शुकुल चिलकहर सरकारी अस्पताल पहुंचे थे, तो वहां एंबुलेंस क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई।

शुकुल राजभर की पत्नी जोगिनी देवी (55) की तबीयत खराब चल रही थी। हालत गंभीर होने पर 28 मार्च को शुकुल ने पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए आसपास वाहन खोजा, लेकिन नहीं मिल पाया। इसके बाद वह ठेले पर पत्नी को लेकर चिलकहर गए। 

चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति बताते हुए जोगिनी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां से शुकुल अपनी पत्नी को निजी साधन से जिला अस्पताल ले गए, लेकिन मौत हो गई। इस घटना की फोटो ट्वीटर पर अपलोड होने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि यदि शुकुल चिलकहर सरकारी अस्पताल पहुंचे थे, तो वहां एंबुलेंस क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई। 

चिलकहर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि जानकारी होने के बाद उन्होंने सोमवार को टीम भेजी थी। इसके बाद पता चला कि वह व्यक्ति ठेले से पत्नी को चिलकहर तक लेकर आया था। इसके बाद जिला अस्पताल ले गया, जहां मौत हो गई। पूछने पर उसने बताया कि एंबुलेंस के लिए फोन नहीं किया था।