यूक्रेन में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। सीमा पर पहुंचने वालों के लिए कुछ बेहतर नहीं है। भारी बर्फबारी में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। लोगों के पास खाने-पीने को कुछ नहीं है। सर्दी की वजह से तमाम छात्र बुखार से तप रहे हैं और दवा खाकर लगातार लाइनों में लगे हुए हैं।

पीलीभीत बाईपास पर रहने वाले ओमवीर सिंह यादव के बेटे शुभलेश ने सोमवार देर शाम बरेली लौटने के बाद यह जानकारी साझा की। एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गए शुभलेश मूल रूप से बदायूं के गांव बम्हेड़ा के रहने वाले हैं। शुभलेश ने बताया कि वह टर्नोपिन शहर में थे जहां से रोमानिया बॉर्डर पहुंचे और उसके बाद अपने देश लौट सके।

उनके आने से पहले ही खारकीव और कीव शहर में हालात काफी खराब हो चुके थे। शुभलेश ने बताया कि रोमानिया सीमा पर कई देशों के लोगों की भारी भीड़ जमा है। इस वजह से सीमा पर पार करना भी जंग साबित हो रहा है। भारी बर्फवारी की वजह से तापमान शून्य से भी नीचे है, खाने-पीने के इंतजाम तो दूर वहां मोबाइल चार्ज करने का भी इंतजाम नहीं है। परिवार से संपर्क न होने से लोग हताश हो रहे हैं। भीड़ और कागजी कार्रवाई की वजह से सीमा पार करने में लंबा वक्त लग रहा है।

दुआ है, मेरे साथी भी जल्द घर लौटें
शुभलेश के भाई पवनेश ने कहा कि जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरु हुआ था, तबसे पूरा परिवार काफी परेशान था। वे लोग लगातार शुभलेश के सकुशल लौटने की कामना कर रहे थे। उसके लौटने पर पूरा परिवार भावुक हो गया। शुभलेश ने कहा कि उनकी दुआ है कि उनके साथी भी जल्द घर लौटें। उन्होंने वहां बहुत भयावह मंजर देखा है। तमाम छात्र भूखे-प्यासे हैं और ठंड की वजह से बुखार से भी तप रहे हैं। इसके बावजूद अपनी बारी के इंतजार में लाइनों में लगातार खड़े हुए हैं।