संजीत अपहरण हत्याकांड में सर्विलांस टीम सवालों के घेरे में रही थी। 15 दिनों तक अपहर्ता संजीत के परिजनों को लगातार फोन कर फिरौती मांगते रहे थे। धमकाते रहे थे लेकिन सर्विलांस ने उनको ट्रेस नहीं किया था। सर्विलांस टीम की ये नाकामी थी, लापरवाही थी या कोई साजिश थी? इस सवालों के जवाब सीबीआई अपनी तफ्तीश में खंगालेगी। वारदात का यह बेहद अहम तथ्य है। एक तरह से सर्विलांस की पूरी टीम जांच की जद में है। 22 जून 2020 की रात संजीत का अपहरण हुआ था। दूसरे दिन परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बाद में गुमशुदगी अपहरण में तरमीम कर दी गई थी। 29 जून 2020 को पहली बार अपहर्ताओं ने संजीत के परिजनों को फोन कर तीस लाख की फिरौती मांगी थी। इस दिन से लेकर 13 जुलाई तक जब पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए नाकामी का जाल बिछाया था तब तक लगातार वह फोन नंबर एक्टिव था।
अपहर्ता लगातार संजीत के परिजनों को फोन कर फिरौती मांगकर धमका रहे थे लेकिन सर्विलांस की टीम ने उस नंबर को ट्रेस नहीं किया था। इसको लेकर वारदात के वक्त संजीत के परिजनों ने सवाल उठाए थे। अगर सर्विलांस टीम सक्रिय होकर नंबर ट्रेस कर लेती तो आसानी से पुलिस आरोपियों तक पहुंच जाती। अब जब सीबीआई मामले की तफ्तीश करेगी तो सभी नंबरों की सीडीआर अपनी जांच में शामिल करेगी। सर्विलांस टीम ने नंबर एक्टिव होने के बावजूद ट्रेस क्यों नहीं किया था इसका जवाब भी सीबीआई तलाश करेगी। तत्कालीन सर्विलांस टीम के जिम्मेदार सीबीआई की रडार पर आने तय है।
तो शायद शव बरामद हो जाता
पुलिस ने अपहरण होने के ठीक एक महीने बाद वारदात का खुलासा किया था। जबकि बदमाशों ने छठवें दिन ही कॉल कर फिरौती मांगी थी। अगर उसी दौरान सभी सक्रिय होकर बदमाशों को पकड़ लेती तो शायद संजीत का शव बरामद हो जाता। बारिश का वक्त था और एक महीना बीत जाने की वजह से नदी से शव बरामद नहीं हो सका।
पुलिस की जांच में खामी ही खामी
जब मामले ने तूल पकड़ा था तो सर्विलांस की मदद से आरोपियों तक पुलिस पहुंची थी। इसमें वह कॉल भी थी जो 22 जून की शाम संजीत को उसके दोस्त कुलदीप ने की थी। यानी पुलिस के सामने लीड थी लेकिन तत्कालीन बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय ने गुमशुदगी दर्ज करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की थी।
जब मामले ने तूल पकड़ा था तब एसपी व सीओ को जानकारी दी थी। आखिर में एसएसपी को पूरा मामला बताया गया। इंस्पेक्टर रणजीत ने पीड़ित संजीत की बहन पर ही तमाम आरोप लगाए थे। विभागीय जांच में जिसका खुलासा हुआ था। इंस्पेक्टर रणजीत राय की भूमिका सबसे अधिक शक के दायरे में है।