दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण के निर्माण कार्य का शुभारंभ रविवार को खानपुर गांव में सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने किया। तीन गांवों के किसानों ने विरोध करते हुए समान मुआवजे की मांग एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) अधिकारियों के सामने रखी। इस पर सांसद ने पहले सांसद वापस जाने लगे लेकिन बाद में नंगलापातू के ग्राम प्रधान उदयवीर ठाकुर के अनुरोध पर उन्होंने कार्य का शुभारंभ किया। इसके बाद सांसद ने किसानों से विस्तार से बात की। 

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के 14 किमी लंबे पांचवें चरण की शुरुआत हापुड़ रोड के शाकरपुर गांव से हो रही है। मेरठ से गाजियाबाद तक इस चरण में 12 गांवों की जमीन आ रही है। इसमें मेरठ के नौ और गाजियाबाद के तीन गांव हैं। नंगलापातू, खानपुर, चंदसारा, सलेमपुर के किसान मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना था कई बार जिलाधिकारी, कमिश्नर स्तर पर वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है। किसानों में शिवानंद मास्टर, यतेंद्र कुमार त्यागी, वेदप्रकाश, आदेश त्यागी, राकेश प्रधान आदि शामिल रहे। 

ये है प्रोजेक्ट
करीब 300 करोड़ की लागत वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवे चरण के इस 14 किमी लंबे हिस्से का निर्माण हापुड़ रोड पर शाकरपुर  से जैनुद्दीनपुर तक किया जाना है। साल 2024 में इस निर्माण कार्य को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद हापुड़ रोड से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे सीधे जुड़ जाएगा। दो साल बाद शास्त्रीनगर, जागृति विहार, ग़ढ़ रोड और बिजनौर से आने वाले वाहन दिल्ली रोड पर जाने के बजाय सीधे हापुड़ रोड के लिंक से ही सीधे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर चढ़ जाएंगे। 

पुलिस को संभालनी पड़ी व्यवस्था
सांसद द्वारा निर्माण कार्य की शुरुआत न करने के कहने के बाद एक पक्ष द्वारा निर्माण कार्य की शुरुआत कराई गई। इस पर दूसरे पक्ष ने नाराजगी जाहिर की। इस पर आपस में कहासुनी हो गई। इस मामले को मौके पर मौजूद पुलिस ने समझाकर शांत कराया। 

ये है पूरा मामला
वर्ष 2010 में चंदसारा, खानपुर, नंगला, सलेमपुर गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया गया था। चार गांवों में लगभग 90 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। इसमें सलेमपुर में एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, चंदसारा में 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर और खानपुर, नंगला में मात्र 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर का चार गुना और उसके साथ ब्याज मिलाकर मुआवजा दिया गया। अब किसान सलेमपुर के समान मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब गौतमबुद्धनगर में 24 गांवों की एक बेल्ट बनाकर एकसमान मुआवजा दिया गया है। इसी आधार पर तीन किमी की परिधि में सलेमपुर, खानपुर, नंगला और चंदसारा आ रहे हैं। इनका भी एकसमान मुआवजा होना चाहिए। 

किस गांव में क्या है मुआवजे की दर ( रुपये प्रति वर्ग मीटर)
नरहेड़ा – 5280, सलेमपुर – 5280, ढिकोली – 3900, घोसीपुर – 5500, शाकरपुर – 9800, चंदसारा – 3150, खानपुर और नंगला पातू – 2566

ये रहे मौजूद
महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, विधायक अमित अग्रवाल, पूर्व विधायक सत्यवीर त्यागी, महानगर उपाध्यक्ष विवेक रस्तौगी, कोषाध्यक्ष सुनील अग्रवाल, कमल दत्त शर्मा, अमित शर्मा, सीमा श्रीवास्तव, हर्ष गोयल आदि मौजूद रहे।  

अब लाभ देना संभव नहीं
समान मुआवजा संभव नहीं है। अगर किसानों को कोई आपत्ति है तो वह कोर्ट जाकर अपनी बात बताएं। इसमें एनएचएआई अब कुछ नहीं कर सकता है।
– अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई