मुरादाबाद के भगतपुर के बराही लालपुर में गुरुवार सुबह पुलिस की मौजूदगी में गंगाराम के शव का अंतिम संस्कार किया गया। दो बेटे होने के बाद भी महिला ने पोती से अपने पति का अंतिम संस्कार करवाया। गंगाराम की पोती ने चिता को मुखाग्नि दी। गंगाराम अपने ही बेटे की हत्या में आरोपी थे। बुधवार दोपहर वह कचहरी में तारीख पर गए थे। इसी दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी।
चार अगस्त 2014 में बराही लालपुर निवासी गंगाराम के बेटे जितेंद्र की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में जितेंद्र की पत्नी सरोज ने ससुर गंगाराम, सास नेमवती, देवर सुधीर, ननद रीना, जेठानी कोमल के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था।
परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद में मनोज कुमार, नरेंद्र और जितेंद्र की पत्नी सरोज एक पक्ष में थे, जबकि सुधीर, उसके मां बाप और बहन एक पक्ष में थे। पुलिस ने गंगाराम को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया। करीब डेढ़ साल बाद उनकी जमानत हुई थी। केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या नौ की अदालत में चल रही है।
बुधवार को आरोपियों की अदालत में पेशी होनी थी। गंगाराम भी तारीख पर आए थे। कचहरी परिसर में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। बुधवार रात शव बराही लालपुर पहुंचा तो उनकी पत्नी नेमवती ने अपने दो बेटे नरेंद्र और मनोज को चेहरा भी नहीं देखने दिया था। विज्ञापन
गुरुवार सुबह पुलिस की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया। उनकी चिता को दस वर्षीय पोती (सुधीर की बेटी)ने मुखाग्नि दी। भगतपुर थाना प्रभारी मनीष सक्सेना ने बताया कि गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। अधिवक्ता मलखान सिंह ने बताया कि शुक्रवार को केस में सुनवाई होगी।