पहले केशव देव मौर्य ने ठाना… मायावती को पीएम बनाना है
अब ओम प्रकाश राजभर भी कहने लगे… बीएसपी चीफ मायावती को पीएम है बनाना
ऐसा क्या हुआ दोनों एक साथ मिलकर एक ही स्वर एक ही आवाज देने लगे… मायावती को पीएम बनाना



तस्वीर देख लीजिए… महान दल ने अपने अभियान का एक अहम हिस्सा बना लिया…हर कोई कह रहा… महान दल ने ठाना है… बीएसपी को जीताना है…

विधानसभा-चुनाव 2007 की जानकारी रखने वाले राजनीतिज्ञ अच्छे से जानते हैं….शाक्य, सैनी कुशवाहा का वोट पाकर बसपा 2012 में अजेय थी अब उसी वोट के बलबूते अब बीजेपी अजेय है… महान दल बसपा को 2024 में वही वोट दिलाकर फिर से नंबर एक पर ला देगी…

वो कह रहे हैं… डंके की चोट पर कह रहे हैं… लिख रख लो यूपी में बीजेपी-बीएसपी के बीच सीधी टक्कर होगी…क्योंकि महान दल ने ठाना है… बसपा को जीताना है….
ऐसे तमाम पोस्टर आपको अटे पड़े सोशल मी़डिया पर मिल जाएंगे… जिसके जरिए बीएसपी के पक्ष में हवा बनाई जा रही है… अब इसी लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है… वो हैं सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का नाम… राजभर भी कह रहे हैं… मायावती अगर विपक्ष की ओर पीएम पद की उम्मीदवार होंगी… तो वो पूरी तरह से समर्थन करने के लिए तैयार है… दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दल अपनी-अपनी जोर आजमाइश में जुटे… इसी को लेकर बिहार के पटना में विपक्षी एकता दिखाई दी… पटना में बुलाई गई बैठक में सपा मुखिया अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी, आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे… इस बैठक को लेकर सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बिहार में विपक्षी दलों की बैठक का स्वागत करते हुए विपक्षी नेताओं को नसीहत दे दी…
ओम प्रकाश राजभर ने मायावती की वकालत करते हुए कहा कि

पहले यूपी को ठीक कर लो, यूपी को ठीक करने के लिए सबसे पहले सभी विपक्षी दल के नेता एकजुट होकर बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने जाएं, अगर मायावती नहीं तैयार होती तो जैसे भी तैयार होती है, उन्हें तैयार करे… अगर मायावती प्रधानमंत्री का चेहरा बनाने की बात पर राजी हो जाएं तो उन्हें बना देना चाहिए

ओमप्रकाश राजभर कह रहे हैं… जब मायावती, सोनिया, नीतीश, अखिलेश यादव साथ आ जाएंगे, तब कोई इधर उधर नहीं भागेगा, तब राजभर भी नहीं भागेगा…ये सब लोग एक हो जाएं, हमे दो घंटे पहले बता दें हम बैठक में पहुंच जाएंगे… ओम प्रकाश राजभर डंके की चोट पर कह रहे हैं… दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है… यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन जहां बैठक हो रही है, बिहार में इसके आधी संख्या में लोकसभा सीटें हैं, इसलिए यूपी कैसे फतह हो इस पर चर्चा होनी चाहिए… अखिलेश यादव के दम पर अकेले उत्तर प्रदेश फतह नहीं हो सकती है…मायावती, सोनिया गांधी, जयंत चौधरी, ओपी राजभर, नीतीश कुमार और अखिलेश यादव को एक साथ मंच पर लाने के बाद ही यूपी फतह होगी… तो साफ है… महानदल अध्यक्ष केशव देव मौर्य और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सियासी जमीन पर सियासत की हवा के रुख को भांप लिया है… उन्हें शायद ये एहसास हो गया… अखिलेश के मुकाबले मायावती का सपोर्ट करना उनके लिए फायदेमंद हैं… दूसरी बात एक और है… दोनों को अखिलेश से सजा ही मिली है… जिसका खामियाजा ये हुआ.,.. कि अभी एक दोस्त को ढूंढ रहे