नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सोमवार को पेशी के विरोध में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ और मीडिया प्रभारी नसीमुद्दीन सिद्दिकी को घर में ही नजरबंद करने का प्रदेश कांग्रेस ने दावा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आम जनता की आवाज दबाना चाहती है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रिंट मीडिया प्रभारी अशोक सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि कहा लोकतंत्र में दमनकारी नीति अपनाकर भाजपा आम जनता की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष को डराने की कोशिश कर रही है। अशोक सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी के बाद भाजपा के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में ईडी के दफ्तर के सामने प्रर्दशन कर गिरफ्तारी की। हुसैनगंज थाने की पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर एक नोटिस चस्पा कर इलाके में दंड विधान की धारा 144 लागू होने के हवाले से किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन आदि न करने की ताकीद पहले ही कर दी थी।

गौरतलब है कि ईडी के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर पूछताछ के लिये राहुल गांधी के रवाना होने के साथ ही लखनऊ में भी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता यहां स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर कूच करने लगे थे। पार्टी कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करने के लिये मोना और सिद्दिकी के अपने आवास से बाहर निकलने से पहले ही पुलिस ने एहतियात के तौर पर पहरा बैठा दिया था। उधर, सिद्दिकी ने बताया कि उन्हें आज दो मामलों में एमपी-एमएलए कोर्ट के समक्ष पेश होना था। उन्होने यह बात पुलिस अधिकारियों को बताई मगर अधिकारियों ने आदेश का हवाला देते हुए उन्हें अनसुना कर दिया। अगर वह आज कोर्ट के समक्ष पेश नहीं होते है तो उनके खिलाफ कुर्की वारंट भी जारी हो सकता है।

कांग्रेसी नेता ने कहा कि उनकी पत्नी का इलाज एक मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ की देख-रेख में चल रहा है और इस सिलसिले में उन्हें कुछ जरूरी टेस्ट भी कराने हैं मगर अधिकारी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं। यह सरासर नाइंसाफी है और एक आम नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शरद मिश्रा ने कहा कि पार्टी के कार्यक