लखीमपुर हिंसा को लेकर यूपी में मची सियासी हलचल के बीच बुधवार किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की 86 वीं जयंती आई। इस मौके पर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इस ट्वीट में सीएम योगी ने महेन्‍द्र सिंह टिकैत को किसान हितों के लिए आजीवन संघर्ष करने वाला नेता बताया और कहा कि यूपी सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है

सीएम योगी ने लिखा-‘किसान हितों के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले, लोकप्रिय किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। अन्नदाता के जीवन में सुख व संपन्नता लाने के लिए आपके प्रयास अनुकरणीय हैं। किसान उत्थान को समर्पित आपके स्वप्नों को साकार करने के लिए यूपी सरकार प्रतिबद्ध है।’ उधर, महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती पर बुधवार को किसानों ने जगह-जगह कार्यक्रम किए। हापुड़ में कचहरी के सामने स्थित भारतीय किसान यूनियन के कार्यालय पर हवन का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यकर्ताओं ने आहुति दी और बाबा टिकैत को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। पदाधिकारियों ने कहा कि बाबा टिकैत सदैव किसान हितेषी रहे थे। वह किसानों की लड़ाई लड़ते रहे। हम सब पदाधिकारी उनके पद चिन्हों पर चलकर किसानों की आवाज को बुलंद करने का काम कर रहे हैं। 

ऐसे थे महेन्‍द्र सिंह टिकैत

चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत सिर्फ आठ साल की उम्र में वह बालियान खाप के मुखिया बने। शुरुआत में उन्‍होंने सर्वखाप मंत्री चौधरी कबूल सिंह की मदद से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। धीरे-धीरे किसान मुद्दों पर संगठन और आंदोलन का काम तेज कर दिया। 27 जनवरी 1987 को करमूखेड़ी बिजलीघर पर धरने से वह चर्चा में आए। इसके बाद उन्‍होंने पूरी जिंदगी किसान मुद्दों पर संघर्ष किया। किसानों का बड़ा संगठन चलाने के बावजूद महेन्‍द्र सिंह टिकैत आजीवन अराजनैतिक रहे। 

किसानों की समस्याओं को लेकर वह वर्ष 2001 से 2010 तक जंतर-मंतर नई दिल्ली में हर साल विशाल किसान पंचायत आयोजित करते थे।  भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के रूप में महेन्‍द्र सिंह टिकैत के नेतृत्‍व में किसानों ने 27 जनवरी 1988 से लेकर 19 फरवरी 1988 तक कमिश्‍नरी पर डेरा डाले रखा।