उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की अगुवाई में नये जोश से चुनाव लड़ने का दावा करने वाली कांग्रेस को पुराने के बजाए नये चेहरों पर ज्यादा भरोसा है। इसीलिए गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 विधानसभा सीटों पर पार्टी ने 31 ऐसे चेहरों को टिकट दिया है, जो पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। नये चेहरों के बाद भी 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की प्रतिज्ञा पूरी नहीं हो सकी है।
कांग्रेस ने 40 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारने की प्रतिज्ञा ली थी। लेकिन गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को देखें तो प्रतिज्ञा पर अमल नहीं होता दिख रहा है। दोनों मंडलों में 14 सीटों पर महिलाओं की दावेदारी है। हालांकि अन्य दलों की तुलना में कांग्रेस महिलाओं को टिकट देने में काफी आगे है। सर्वाधिक 50 फीसदी से अधिक टिकट गोरखपुर में मिले हैं। यहां नौ में से पांच सीटों पर महिलाओं को उतारा गया है। वहीं देवरिया की सात में से तीन सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया गया है। सलेमपुर से दुलारी देवी और रामपुर कारखाना से शहला अहरारी की खुद की राजनीतिक पहचान भी है। सिद्धार्थनगर की पांच विधानसभा सीटों में से डुमरियागंज से कांति पांडेय और बांसी से किरन शुक्ला चुनाव मैदान में हैं। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के जिले में सातों सीटों में से सिर्फ एक पर ही महिला को टिकट मिला है।
31 विधानसभा सीटों पर नये चेहरे
गोरखपुर की नौ विधानसभा सीट पर उतारे गए प्रत्याशियों में सिर्फ ग्रामीण से टिकट पाने वाले देवेन्द्र निषाद ही विधानसभा चुनाव लड़े हैं। उन्होंने बसपा के टिकट पर कौड़ीराम सीट से भाग्य आजमाया था। शेष आठ सीटों पर नये उम्मीदवारों पर पार्टी ने दांव लगाया है। इसी तरह महराजगंज की पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर कांग्रेस ने नये चेहरों को मैदान में उतारा है। कुशीनगर में तमकुहीराज से विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को छोड़ दें तो सभी प्रत्याशी सियासी पारी की ओपनिंग करने जा रहे हैं।
देवरिया, संतकबीरनगर में सभी चेहरे नये
देवरिया में भी सभी सात प्रत्याशी विधानसभा चुनाव का पहली बार अनुभव ले रहे हैं। सिद्धार्थनगर में पांच में से तीन सीटों पर पुराने चेहरे बरकरार हैं। दो पर नये प्रत्याशियों को टिकट दिया है। यहां से लड़ रहे रविन्द्र उर्फ पप्पू चौधरी पूर्व विधायक हैं। संतकबीर नगर की सभी तीन विधानसभा सीटों पर पार्टी ने नये चेहरों पर दांव लगाया है। वहीं बस्ती में रुधौली से बसंत चौधरी को छोड़ दें तो शेष चार सीटों पर पार्टी ने नये उम्मीदवारों को मौका दिया है।