मोहर्रम को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है। हालांकि शिया धर्मगुरु को मोहर्रम में होने वाले जंजीर और कमा छुरी के मातम की अनुमति को लेकर चिंता सताने लगी है। इसको लेकर शिया धर्मगुरु और इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। सीएम से हुई मुलाकात के बाद मौलाना जव्वाद ने बताया कि बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मोहर्रम पर होने वाली मजलिसों, जुलूसों के परम्परागत आयोजनों और जंजीर व कमा (छुरी) के मातम पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। जो भी आयोजन पहले से होते रहे हैं, वह इस बार भी मोहर्रम पर होंगे।
मौलाना जव्वाद ने बताया कि सपा के शासनकाल में मोहर्रम के अवसर पर शिया समुदाय द्वारा अपने भवनों और सार्वजनिक स्थलों पर शोक के प्रतीक काले झण्डे लगाने पर पाबंदी लगा दी गई थी, जिसका शिया समुदाय ने सख्त विरोध किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा कि ऐसी कोई पाबंदी उनकी सरकार की ओर से नहीं लगाई जाएगी। मोहर्रम पर सभी धार्मिक कार्यक्रम परम्परागत तौर पर होंगे।
लखनऊ जिला प्रशासन के इन निर्देशों पर शिया समुदाय की कोर कमेटी की बैठक मंगलवार की रात मौलाना जव्वाद के आवास पर आयोजित हुई जिसमें तय हुआ कि स्थिति स्पष्ट करने के लिए मौलाना जव्वाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। बुधवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मौलाना जव्वाद के साथ शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी, अमील शम्सी और शमील शस्मी आदि मिले।
इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने शिया प्रतिनिधियों से कहा कि उन्होंने कहा है कि कोई नया आयोजन नहीं होगा और मोहर्रम या कांवड़ यात्रा में जो परम्परागत कार्यक्रम होते आए हैं वह अब भी होंगे। वर्ष 2012 में तत्कालीन सपा शासनकाल में मोहर्रम के दौरान शोक के प्रतीक काले झण्डे लगाने पर पाबंदी लगा दी गयी थी इस बारे में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया ऐसी पाबंदी उनकी सरकार द्वारा नहीं लगायी जाएगी।