बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर चिल्लू पार के विधायक विनय शंकर तिवारी उनके बड़े भाई समेत तीन लोगों को पार्टी से निकाल दिया गया है। यह कार्रवाई गोरखपुर मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी सुधीर कुमार भारती द्वारा की गई है। विनय शंकर तिवारी और उनके बड़े भाई कुशल तिवारी और गणेश शंकर पांडे के सपा में जाने की चर्चाएं तेज होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
सुधीर कुमार भारती ने सोमवार की देर रात विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है की गोरखपुर जिले की चिल्लूपार विधानसभा सीट के विधायक विनय शंकर तिवारी व इनके बड़े भाई कुशल तिवारी पूर्व सांसद और इनके रिश्तेदार गणेश शंकर पांडे को पार्टी में अनुशासनहीनता करने व वरिष्ठ पदाधिकारियों से सही व्यवहार न रखने के कारण बहुजन समाज पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया गया है।
विनय शंकर तिवारी और उनके भाई के पिछले दिनो अखिलेश यादव से मिलने की ख़बर आई थी। इसी के बाद इनके सपा में जाने की चर्चायें तेज हो गई थीं। वर्ष 2017 के चुनाव में बसपा के 19 विधायक जीत कर आए थे। विनय शंकर तिवारी के पार्टी से निकाले जाने के बाद बसपा में मात्र तीन विधायक बचे हैं। हाल ही में मुबारकपुर आजमगढ़ के विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने मायावती को पत्र लिखकर पार्टी से अलविदा कह दिया था। आजमगढ़ सगड़ी की बसपा विधायक वंदना सिंह पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुकी है।राम अचल राजभर और लालजी वर्मा भी पार्टी से निकाले जाने के बाद सफाई हो चुके हैं।इसके अलावा छह अन्य विधायकों ने पार्टी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है।
विनय शंकर तिवारी और कुशल तिवारी हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं और पूर्वांचल ख़ासकर गोरखपुर व आसपास के क्षेत्रों के बड़े ब्राह्मण नेता माने जाते हैं। इनके सपा में जाने के बाद कुछ और नेता उनके साथ जा सकते हैं।