भारत-नेपाल के गौरीफंटा बॉर्डर पर बड़ी संख्या में थारू आदिवासी जनजाति वास करती है। थारू महिलाएं पुराने समय से अपने खेतों में उगने वाली सब्जी को गौरीफंटा बॉर्डर के रास्ते नेपाल ले जाकर उसकी बिक्री करती हैं। गुरुवार को भी दर्जनों थारू महिलाएं झुंड बनाकर गौरीफंटा बॉर्डर होते हुए नेपाल में साइकिल से सब्जियां बेचने जा रही थी।

नेपाल सीमा में प्रवेश करते ही उन्हें बॉर्डर पर मौजूद नेपाल के सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया और कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए नेपाल सीमा में प्रवेश देने से मना कर दिया। नेपाल प्रशासन के इस रवैया से थारू महिलाएं आक्रोशित हो उठीं और बॉर्डर पर जाम लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। महिलाओं का कहना था कि भारत से रोजाना बड़ी संख्या में नेपाल सामान जाता है तब उन्हें नेपाली प्रशासन नहीं रोकता, और उन्हें सब्जी बेचने के लिए जाते समय नेपाली प्रशासन कोरोना संक्रमण की बात कहते हुए रोक दिया गया जो कि वह बर्दाश्त नहीं करेंगी। घंटों तक थारू महिलाएं बॉर्डर पर हंगामा करती रही जिसके चलते बॉर्डर पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।

बॉर्डर पर जाम लगने की स्थिति को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह थारू महिलाओं को समझा बुझाकर मनाया जिसके बाद वह वापस लौटीं। थारू महिलाओं के हंगामे के चलते करीब तीन घंटे तक बॉर्डर पर जाम की स्थिति बनी रही। भारत और नेपाल सीमा में तैनात अधिकारियों ने महिलाओं को दोबारा ऐसी पुनरावृत्ति ना होने का आश्वासन दिया जिसके बाद वह वापस शांत हुईं