पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेन्दु अधिकारी ने समाजवादी पार्टी के समर्थन में ममता बनर्जी के प्रचार करने के निर्णय पर तंज किया है। सुवेन्दु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की हिन्दी बोलने की शैली और राजनीतिक छवि पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे नहीं मालूम कि उनके प्रचार से अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को कितना फायदा होगा।
सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी की राजनीतिक छवि ‘सनातनी’ विरोध की है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार अधिकारी ने कहा, ‘कोई दल जिसके लिए टीएमसी सुप्रीमो प्रचार करें उसका नुकसान होगा। उनकी तो हिन्दी भी समझ नहीं आती जो उत्तर प्रदेश की अधिकारिक भाषा है। बंगाल से बाहर विस्तार के प्रयासों में जुटी टीएमसी ने उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवार खड़े करने की बजाए भाजपा को सत्ता से बाहर करने के मकसद से सपा को सहयोग करने का निर्णय लिया है। एक दिन पहले सपा नेता किरणमय नंदा ने बताया था कि ममता बनर्जी अखिलेश यादव के साथ लखनऊ और वाराणसी में वर्चुअल रैलियों को सम्बोधित करेंगी।
सपा उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्चुअल प्रचार में शामिल होने वह आठ फरवरी को लखनऊ आएंगी। वहां वह अखिलेश यादव के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी सम्बोधित करेंगी। नंदा ने कहा कि तीन बार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक मजबूत नेता हैं। उन्होंने पिछल साल पश्चिम बंगाल में बीजेपी को जिस तरह हराया वो पूरे देश के विपक्ष के लिए एक मिसाल है। भाजपा के रथ के खिलाफ उनकी अभूतपूर्व लड़ाई को पूरे देश ने देखा। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही समाजवादी पार्टी को बुधवार को भाजपा ने पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को शामिल कराकर बड़ा झटका दिया। अपर्णा ने 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ कैंट सीट से सपा के टिकट पर लड़ा था। भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने उन्हें हरा दिया था। भगवा पार्टी ज्वाइन करने के बाद अपर्णा ने कहा, ‘मैं भाजपा की आभारी हूं। मेरे लिए देश सबसे पहले आता है और मैं पीएम मोदी के काम का सम्मान करती हूं।
इसके कुछ देर बाद ही सपा चीफ अखिलेश यादव ने अपर्णा यादव को बधाई दी। साथ ही यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की थी।