कभी कभी एक तस्वीर बहुत कुछ बता देती है…यूपी की सियासत में कुछ ऐसी ही तस्वीर चर्चा में आ गई है…अखिलेश यादव अपनी टीम को लेकर कैसे चल रहे हैं…ये इस तस्वीर से ही साफ हो सकता है…वैसे तो बहुत लोग इस तस्वीर देखकर हैरान भी होंगे…क्योंकि…जो लोग फूट चाहते थे…उन्हें अब मुंह की खानी पड़ेगी…अखिलेश यादव ने अपने आप को ही नहीं…बल्कि राजनीति करने के रंग को भी नया कलर दिया है…यही वजह है कि…यूपी में अखिलेश को पूरा भरोसा है अबकी बार एकता से ही बीजेपी को परास्त किया जा सकता है…ये पहली बार तो नहीं होगा कि..इससे पहले भी इस तरह की तस्वीर आ चुकी है…लेकिन इस तस्वीर में कुछ खास है…कुछ ऐसा पल कैमरे में कैद हुआ है…जो बीजेपी को परेशान करने वाली है…जिसे बीजेपी हथियार बनाती थी…चुनावों में जिस मुद्दे को बीजेपी हवा देती रहती है…अब वो मुद्दा अलग थलग नहीं है…बल्कि एक है…जरा इस तस्वीर को देखिए…इटावा में अखिलेश यादव के घर आजम खान और अब्दुल्ला आजम पहुंचे थे…
इस बीच रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव के साथ साथ अब्दुल्ला आजम की एक मूवमेंट लोगों को अपनी ओर आकर्षिक करता है….वैसे व्यस्त कार्यक्रम में किसी को नजर इस मूवमेंट पर नहीं पड़ी…लेकिन हम बताएंगे कि… इस मूवमेंट में खास क्या है….जो हम आपको बताने वाले है…दरअसल इटावा में रामगोपाल यादव के बड़े भाई के निधन पर शोक संवेदना जताने के लिए आजम खान अपने परिवार के साथ सैफई पहुंचे थे….जहां उन्होंने दिवंगत अतर सिंह की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की…..इस दौरान एक तस्वीर चर्चा का विषय बनी रही….रामगोपाल यादव ने अब्दुल्ला आज़म को हाथ पकड़कर अपने पास बैठाया….ये मूवमेंट कैमरे में कैद हो रही थी…लेकिन इसकी जानकारी किसी को नहीं था…रामगोपाल यादव के बैठाने पर अब्दुल्ला आजम बैठ जाते हैं…थोड़ी देर बाद कुछ अलग नजारा हो जाता है… अब्दुल्ला आजम ने शिवपाल से कुछ कहा….और फिर अब्दु्ल्ला आजम ने अपनी सीट से खड़े उठे और शिवपाल यादव को रामगोपाल यादव के बगल में बैठा दिया….जिसके बाद शिवपाल……अब्दुल्ला की पीठ थपथपाते भी दिखे….ये संकेत बहुत बड़ा है…क्या हैं इसके मायने…एक नजर उस पर भी डाल लेते हैं…
सैफाई परिवार को एकजुट करने की शुरुआत अखिलेश यादव ने की थी…मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के बाद अखिलेश यादव ने इसकी शुरुआत की…और शिवपाल यादव को अपने साथ ले लिया…तबसे शिलपाल यादव का कद सपा में बढ़ता ही जा रहा है…शिवपाल यादव भी अखिलेश यादव को गिफ्ट देने से नहीं चूक रहे हैं…चाहे मैनपुरी का उपचुनाव हो या फिर घोसी का विधानसभा उपचुनाव…दोनों जगहों पर शिवपाल यादव डटे रहे…नतीजा ये रहा कि..दोनों सीटें बीजेपी सपा से छीन नहीं पाई…इसके पीछे शिवपाल यादव का बड़ा रोल है…उधऱ रामगोपाल यादव और शिवपाल के बीच मतभेद की खबर पर भी पूर्णविराम लग गया…क्योंकि मंच पर सैफाई परिवार नजर आ चुका है…ऐसे में कुछ अलग तस्वीर और नई तस्वीर एक बार फिर से सामने आ चुकी है…और अब्दुल्ला आजम ने भी शिवपाल यादव को रामगोपाल यादव के पास बैठाकर ये दिखाने की कोशिश की है कि..मतभेद की बातें करने वाले अब शांत हो जाएं…दरअसल लोकसभा का चुनाव भी पास आ रहा है…ऐसे में अखिलेश यादव एकजुटता की हवा तो घोल ही चुके हैं..अखिलेश यादव पूरी तैयारी के साथ बीजेपी की घेराबंदी कर रहे हैं….लगातार मोदी सरकार भी अखिलेश के निशाने पर है,…ऐसे में चाहे रामगोपाल का अब्दुल्ला आजम को बैठाना हो…या फिर शिवपाल यादव का बैठ जाना….अब्दुल्ला आजम भी इस भूमिका में पूरी तरह से उतर चुके हैं…..