जब मौलिक अधिकार पर रोक लगाने का प्रयास होता है… तो ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं… इस तरह की छलांग लगानी पड़ती है… ताकि सरकार के कानों तक आवाज पहुंचे… उन्हें सुनाई दे कि वो चाहे लाख पाबंदी लगा दे… लेकिन उनके अधिकारों को छीन नहीं सकते हैं… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का यही मानना है… वो ऐसा ही मान कर चलते हैं… अखिलेश ने इसे प्रैक्टक्ली 11 अक्टूबर के दिन किया… जिस लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती थी… तब अखिलेश ने अपना वो अंदाज दिखाया… जिसमें से नेताजी की झलक दिखने लगी… सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी कभी ऐक ऐसे रास्ते को अपनाया था… जिसका कनेक्शन अखिलेश के उठाए कदम से हो गया… जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन सपाई उन्हें लखनऊ में जेपीएनआईसी में मौजूद जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण करना चाहते थे… लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से इजाजत नहीं मिली… तो सपा के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए… काफी देर ये सिलसिला चलता रहा है… इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव वहां पहुंचे और उसी गर्मागर्मी के बीच 8 फीट ऊंची बाउंड्री को पार कर अंदर आ गए… जिसके बाद अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण किया…
अब ऐसा ही दृश्य साल 2010 को सबने देखा था… जब लखनऊ ले लोहिया अस्पताल में लगी डॉक्टर राममनोहर लोहिया की मूर्ति पर माल्यार्पण करने नेताजी पहुंचे थे… तत्कालीन मायावती सरकार ने लोहिया की मूर्ति को तीन साल से ज्यादा समय तक ढक कर रखा था और फ़िर मुलायम सिंह यादव ने 23 मार्च 2010 को वहां पहुंचकर लोहिया जी की मूर्ति पर लपेटे कपड़े को हटा दिया और माल्यार्पण कर दिया था… बिल्कुल उसी तर्ज़ पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के वैचारिक उत्तराधिकारी अखिलेश यादव ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के लिए jpnic के गेट की ऊंची छलांग लगाई… साफ है… 10 अक्टूबर के नेताजी की प्रथम पुण्यतिथि थी और 11 अक्टूबर अखिलेश के इस कदम से हर समाजवादी के दिल में वो दृश्य दोहरा गया…
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपनी राजनीति को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक रास्ते पर लेकर चल पड़े हैं… ये एक तरह से बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है… अखिलेश की राजनीति में ठहराव की स्थिति से निकली व्यापकता से बीजेपी हैरान है… क्योंकि इस स्थिति में हर सियासी चाल को सोची समझी राजनीति के तहत चली जाती है… जिसके वार को झलने के लायक विरोधी नहीं रहते हैं… बीजेपी इसे बखूबी जानती है… तभी तो योगी सरकार के दो डिप्टी सीएम सीधे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमलावर हो गए… अखिलेश के इस स्टैंड पर जहां डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को नौटंकी नजर आने लगी… वही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सपा मुखिया अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला है… ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी को अराजकता और गुंडई पसंद है, आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आचरण से सिद्ध हो गया है… इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव को एशियन गेम्स में जाकर भारत के लिए मेडल लाने की भी नसीहत दे दी… राजनीति की दुनिया में कहा जाता है… आपके विरोधी तब आपके खिलाफ बोलते हैं… जब उन्हें लगता है… सामने वाले की राजनीति उनकी राजनीति पर हावी हो रही है… तो क्या अखिलेश ने जिस तरह से अपनी राजनीति में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की राजनीति को शामिल किया… वो एक तरह से बीजेपी की राजनीति के लिए हानिकारक है…