कोरोना काल में योगी सरकार एक ऐसी महात्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है । अगर ये काम कर गई तो यूपी में अन्य प्रदेश से आए करीब 20 लाख मजदूरों को नौकरी तो मिलेगी ही । नौकरी के साथ उन्हें कम से कम 15 हजार रुपए की सैलरी की भी गारंटी दी जाएगी ।

दरअसल योगी सरकार ने ऐलान किया है कि वह देशभर से राज्य में लौट रहे 20 लाख प्रवासी कामगारों को नौकरी दिलाएगी। इसके लिए सरकार एक नीति तैयार कर रही है। राज्य सरकार की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि

गांवों और छोटे शहरों में लेबर रिफॉर्म्स के जरिए 20 लाख प्रवासी मजदूरों को नौकरी देने की नीति बनाई जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए कामगारों के कौशल का डेटा तैयार करें। नौकरी के साथ उन्हें कम से कम 15 हजार की सैलरी की भी गारंटी दी जाएगी और उनके काम के घंटे और सुरक्षा भी सुनिश्चित होंगे।

सरकार की तरफ से कहा गया है कि कामगारों की भर्ती सिर्फ नए उद्यमों में ही नहीं, बल्कि पुरानी यूनिट्स में भी होगी। रेडिमेट गारमेंट इंडस्ट्री के साथ परफ्यूम, अगरबत्ती, कृषि उत्पादों, फूड पैकेजिंग, गाय संबंधी उत्पाद, फूल से जुड़े उत्पाद, खाद और फर्टिलाइजर के व्यापार से मजदूरों को जोड़ने पर सरकार योजना तैयार कर रही है।

इसके अलावा महिला कामगारों को भी सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स की मदद से नौकरियां दी जाएंगी। सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश का लघु और मध्य उद्यम चीन, बांग्लादेश और वियतनाम से बेहतर है। राज्य में MSME और निर्यात के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि

श्रम कानून में मिली छूट के जरिए जो नई MSMEs बनेंगी उनसे कम से कम 5 लाख नौकरियां पैदा होंगी। एक जिला, एक उत्पाद की योजना के तहत उद्यमियों को लोन्स दिए जाएंगे और हमें उम्मीद है कि हर एक उद्यमी अपने साथ कम से कम 4 से 5 लोगों को नौकरी पर रखेगा।