कोरोना वायरस की वजह से घर लौटे गरीबी और मजदूरों के लिए यूपी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है । सरकार का ये फैसला उन लोगों को के लिए जो शहरों से गांव की ओर लौटे । सीएम योगी के आदेश पर यूपी सरकार केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक 20 अप्रैल के बाद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना यानी मनरेगा के तहत कन्टेनमेन्ट क्षेत्र के बाहर कार्य प्रारम्भ किए जाएंगे । इसके तहत शहरों से लौटे ग्रामीणों को भी मनरेगा के तहत तत्कात जाबकार्ड भी मुहैया करवाया जाएगा । जिससे उन्हें गांव में ही काम और रोजगार मिल सकेगा ।
ग्राम्य विकास विभाग का मानना है कि कोविड-19 के कारण बडी संख्या में शहरों से ग्रामीण परिवारों की वापसी हुई है । कोरोना के कारण ग्रामीण परिवारों के सामने भी भरण पोषण की समस्या की संभावना उत्पन्न हुई है । शहरों से गांव वापस आया परिवार अगर मनरेगा के तहत कार्य करना चाहता है, तो उसे तत्कात जाबकार्ड जारी कराया जाएगा । यही नहीं यदि शहर से लौटे किसी व्यक्ति का नाम परिवर के जाबकार्ड में नहीं है तो उसका नाम जाबकार्ड में जोड़े जाने की तत्काल कार्यवाही की जायगी ।
इसके अतिरिक्त जिन परिवारों को पूर्व में जाबकार्ड जारी किया गया था, लेकिन किसी कारणवश मौजूदा वक्त में उनके पास ये कार्ड उपलब्ध नहीं है, या फिर नष्ट हो गया है । ऐसे परिवारों को जाबकार्ड की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराई जाएगी । ग्राम पंचायत में जाबकार्ड निर्गत करते समय समाज के वंचित परिवारों जैसे मुसहर, बनटांगिया, थारू, विधवा महिलाओं एवं दिव्यांग मुखिया परिवारों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए जाबकार्ड उपलब्ध करा कर रोजगार प्रदान किया जाएगा।
वहीं, सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करते हुए श्रमिकों को कार्य स्थल पर कार्य-माप के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा । कार्य स्थल पर कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मियों द्वारा मास्क, होम मेड फेस मास्क, फेस कवर का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जायेगा । कार्यस्थल पर हाथ धोने के लिए पानी एवं साबुन की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा श्रमिकों को जागरूक किया जाएगा ।