• UP में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामला
  • HC से योगी सरकार को बड़ी राहत
  • कट ऑफ पर लगी मुहर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की भर्ती के मामले में फैसला दिया । ये फैसला यूपी सरकार के पक्ष में है । सीएम योगी के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया है कि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा के 69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है।उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने हेतु अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनन्दन किया है।

इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच ने क्या फैसला दिया ?

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को पिछले एक साल से लंबित चल रहे 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अहम फैसला सुनाया । हाईकोर्ट की डबल बेंच ने योगी सरकार को बड़ी राहत देते हुए कट ऑफ मार्क्स के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया ।


फैसले के बाद सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत और अरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा । जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करुणेश सिंह पवार ने यह फैसला सुनाया. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद तीन मार्च 2020 को फैसला सुरक्षित कर लिया था ।

इस फैसले से किसे होगा फायदा ?

हाईकोर्ट के फैसले के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 150 में से 97 अंक हासिल करने होंगे, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 90 अंक जरूरी हैं ।हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षा की योग्यता और गुणवत्ता को अहम बताया । साथ ही योगी सरकार को योग्यता के आधार पर रिजल्ट जारी कर भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का आदेश दिया ।

शिक्षा मंत्री बोले जल्द पूरी होगी नियुक्ति प्रक्रिया

उधर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जल्द ही सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगी और स्कूलों में शिक्षक पठन-पाठन का काम शुरू करेंगे । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लिए गए फैसले को हाईकोर्ट ने सही माना है । ये सरकार की जीत है । अब जल्द से जल्द रिजल्ट जारी कर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी ।

क्या था पूरा मामला ?

बता दें कि योगी सरकार के सत्तासीन होने के बाद दिसंबर 2018 में प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए एक शासनादेश जारी कर अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे । इस शासनादेश में कट ऑफ का जिक्र तो था लेकिन कितना होगा इसका जिक्र नहीं था । हालांकि बाद में न्यूनतम कटऑफ की घोषणा की गई । इसके तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 में 97 और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 में 90 अंक लाने होंगे । इसी कटऑफ को लेकर परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी