केंद्र की मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के मकसद से घोटालेबाजों को साफ शब्दों में इशारा किया था कि ना खाऊंगा और न खाने दूंगा… लेकिन संतकबीरनगर जिले में दो गेहूं क्रय केंद्र प्रभारियों ने 50 लाख रुपये के गेहूं को हजम कर वो कारनामा कर दिखाया है… जिसे करने से पहले कोई भी सौबार सोचेगा… दरअसल 50 लाख के गेहूं घोटाले के इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब सितम्बर माह के समाप्त होने पर जिले के एफसीआई गोदाम पर, क्रय केंद्रों से भेजे गए गेहूं का टोटल मिलान हुआ… तो मालूम पड़ा कि 277 मीट्रिक टन गेहूं गोदाम में अभी पहुंचा ही नहीं है… इसके बाद जब रिकॉर्ड से पता किया गया… तो सबके होश उड़ गए… पता चला कि खलीलाबाद के दो गेहूं क्रय केंद्र, एक साधन सहकारी समिति, और दूसरा डीसीएफ क्रय केंद्र… इन दोनों केंद्रों ने 277 मीट्रिक टन गेहूं… जिसकीं कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा की है… उसे अभी गोदाम में जमा ही नहीं किया गया… जिसके बाद जिम्मेदारों के हाथ-पांव फूल गए… सरेआम हुई गरीब के गेहूं की इस लूट पर यूपी न्यूज सवाल उठा रहा है

अपनी गर्दन बचाने के लिए दोनो केंद्रों को नोटिस भेजकर गेहूं जमा करने के साथ ही जवाब भी मांगा गया था, लेकिन कुछ दिनों तक तो इन लोगों ने न तो नोटिस को गंभीरता से लिया और न ही गोदाम पर गेहूं जमा किया… लेकिन जब ये मामला जिले के डीएम तक पहुंचा… तो आनन-फानन में घोटालेबाजों ने गेहूं खराब होने का हवाला दिया… कि गेहूं खराब हो गए… इसलिए गोदाम में गेहूं जमा नहीं हुआ… लेकिन अधिकारी भी इनकी चाल समझ गए और गेहूं खरीद का पैसा जल्द जमा करने की बात कही… लेकिन 12 अक्टूबर को पैसा जमा करने का वादा करने के बाद भी अभीतक पैसा जमा नहीं हुआ… जिसके बाद 3 दिन की मोहलत की और मांग की… वहीं अब अधिकारी पूरी तरह से तैयार हैं कि अगर 3 दिन में पैसा जमा नही हुआ… तो इनके खिलाफ मुकदमा दर्जकर इनसे पूरे पैसे की वसूली की जाएगी।