एक ऐसी कहानी…जो चरितार्थ हो गई है…पिता अपराधी लेकिन बेटी अफसर बन गई कोर्ट में पिता की हत्या…पिता के हत्यारे हैं फरार…अब बेटी बुल़डोजर लेकर तैयार !
एक ऐसी कहानी…जो चरितार्थ हो गई है…पिता अपराधी लेकिन बेटी अफसर बन गई
कोर्ट में पिता की हत्या…पिता के हत्यारे हैं फरार…अब बेटी बुल़डोजर लेकर तैयार !
अपराधी की काली दुनिया की परछाई छोड़ी…अफसर बनने के लिए आयुषी दौड़ी !
अपराधी भूरा का सपना अब पूरा…बेटी लेगी बदला…कोई भी काम नहीं रहेगा अधूरा !
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है…कहते हैं परिवार का रिश्ता अगर खून खराबे से हो तो भला उस परिवार में कोई अफसर कैसे बन सकता है…लेकिन आयुषी सिंह की कहानी कुछ अलग है…पिता की हत्या के बाद से आयुषी ने उनकी इच्छा पूरी करने को ठानी…और आज आयुषी डीएसपी बनेगी…पति की हत्या के बाद आयुषी की मां ने भी अपराध की काली दुनिया की परछाई से बच्चों को दूर करने का फैसला किया…और आयुषी के साथ बेटे को दिल्ली पढ़ाई के लिए भेज दिया…आयुषी की मां को पता था…अगर इस क्षेत्र में बेटी रहेगी तो लोग अपराधी की बेटी को अपराधी की नजर से देखेंगे…इसलिए आयुषी की मां ने अपने कर्तव्यों को निभाया…अब बाकी की जो भागीदारी थी..वो आयुषी की निभाना था…कैसे और किस तरह आयुषी ने अपने पिता की छाप को सफलता की छाप से ढक दिया…वो जानने के लिए पहले एक फ्लैश बैक में चलना होगा…
साल 2015 स्थान मुरादाबाद कोर्ट
आयुषी के पिता योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा मुरादाबाद के डिलारी के पूर्व ब्लाक प्रमुख थे…मार्च 2013 में छात्र नेता और शार्प शूटर रिंकू चौधरी की हत्या हुई थी जिसमें योगेंद्र सिंह ने खुद कोर्ट में सरेंडर किया था…आयुषी के पिता पर रिंकू की हत्या के अलावा भी कई अपराधिक मामले दर्ज थे…साल 2015 में कोर्ट में पेशी के लिए लाया जा रहा था….तभी रिंकू के भाई सुमित और उसके साथियों ने पुलिस कस्टडी में योगेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी…..उस समय आयुषी 11वीं क्लास में पढ़ रही थीं…
पिता की हत्या के बाद आयुषी ने ठाना बनेगी अफसर
पिता की हत्या के बाद यहीं से आयुषी के कसम की शुरुआत हो जाती है….आयुष ने ठान लिया कि…हर हाल में अफसर बनेगी…और जो गलती हुई है उसे सुधारेंगी….आयुषी पिता की हत्या को पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन का बहुत बड़ा फेलियर मानती हैं… उनका कहना है कि….पूरे पुलिस विभाग एडमिनिस्ट्रेशन के सामने मेरे पिता की हत्या हुई थी….मैं आगे जाकर पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन में अपना योगदान देना चाहती हूं जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा न हो….पिता की इच्छा और अपनी कसम को साथ लिए आयुषी पढ़ाई में जुट जाती हैं…और लक्ष्य एक ही है…अधिकारी बनना है…पिता पर जो कलंक लगा है…उसे मिटाना है…ऐसा अक्सर फिल्मों में होता है…लेकिन अब हकीकत में भी ऐसा होने लगा है…
अपने पिता के सपने को पूरा करने और खुद की कसम को निभाने उतरीं आयुष ने कहा कि….पहले मैंने मेंस पर फोकस किया था…अल्टीमेटली जो हमारी रैंक फीमेल स्टडी कंप्लीट है..तो मैंने बुक से मींस को कंप्लीट किया…उसके बाद मैंने प्रीलिम्स से 3 महीने पहले स्ट्रैटेजी बनाई और दूसरे अटेम्प्ट में क्लियर कर दिया….इससे पहले प्रीलिम था जो 3 मार्क्स से क्वालीफाई नहीं हो पाया था यह मेरा पहला मेन्स था और पहला इंटरव्यू…मुरादाबाद के आशियाना कॉलोनी को रहने वाली आयुषी सिंह के यूपीपीएससी पीसीएस में 62वीं रैंक मिली है…उन्होंने दिल्ली में कोचिंग लेकर 6-7 घंटे की पढ़ाई करते हुए अपने दूसरे अटेम्प्ट में यूपीपीएससी क्लियर कर लिया…. आयुषी का लक्ष्य आईपीएस बनना है..आयुष कहती हैं…कि शुरुआत से ही मेरे पापा चाहते थे कि मैं एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ जाऊं….इसीलिए 12वीं तक तो मेरे पर साइंस स्ट्रीम थी लेकिन मैंने ग्रेजुएशन आर्ट्स से की जिससे मैं अपने पापा के सपने को पूरा कर पाऊं….
आपको बता दें कि..मुरादाबाद में रहने वाली आयुषी सिंह यूपीपीएससी 2022 में 62वीं रैंक पाई हैं…जिसके बाद पूरे शहर में उनकी चर्चा है….वजह उनके पिता योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा हैं …जिनकी साल 8 साल पहले कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी…शहर में पिता की पहचान एक बदमाश की थी लेकिन अब परिवार की पहचान बेटी आयुषी की सफलता बन रही है…हालांकि इसके पीछे आयुषी के पिता की बड़ी भूमिका है..क्योंकि योगेंद्र सिंह अपनी बेटी को अफसर बनाने का सपना देखते थे….आज उनकी बेटी ने उसे पूरा कर दिया है और वह यूपीपीएससी पीसीएस 2022 की परीक्षा क्लियर कर डिप्टी एसपी पद के लिए चुनी गई हैं….