- दाने-दाने के लिये मोहताज परिवार
- आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार, कैसे कराए इलाज ?
- सोशल मीडिया से मिली बलराम को जिंदगी की रोशनी
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की परिवार की मदद
स्ट्रेचर पर लेटे हुए….मुंह पर मास्क लगाए हुए जिस शख्स को आप देख रहे हैं…लड़ रहा है….लड़ रहा अपनी किस्मत से…..लड़ रहा है अपनी गरीबी से….लड़ रहा है….उस व्यवस्था से जहां एक तबका तो खाना खाकर सोता है…..लेकिन बलराम पाण्डेय जैसे लोग एक-एक दाने के मोहताज हो जाते हैं….पिछले कई दिनों से ये शख्स और इसका परिवार भूखा है….अभी तो भूख से लड़ाई जीती भी नहीं थी की शख्स को tb की बिमारी ने भी घेर लिया
भुखमरी और बदकिस्मती की कहानी से आंखों में आंसू आ जाए….कौशांबी जिले के गोपसासा गांव के रहने वाले बुजुर्ग बलराम पांडेय की ये हालत लोगों से देखी नहीं गई….अपने अंदर की संवेदना को मार चुकी भीड़ ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल किया…जिसके बाद खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए कौशांबी के डीएम मनीष वर्मा को मदद पहुंचाने के निर्देश दिए…..डीएम ने बताया कि 2011 की जनगणना सूची में उनका नाम गायब था, जिसके कारण वे विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ नहीं ले सके, उनका नाम अब जोड़ दिया गया है. उन्हें सभी सहायता प्रदान की जाएगी.
केंद्र और राज्य सरकारें गरीबों के हित में चाहे जितनी योजनाएं चला रही हों लेकिन वास्तविकता में अभी भी इन योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है….ये कहानी अकेले बलराम की नहीं है दूर दराज गांव और कस्बों में न जाने कितने ही बलराल पांडेय जैसे गरीब लोग गरीबी की मार झेलते हुए काल के गाल में समा जाते हैं और सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम जनहित कारी योजनाओं का लाभ सरकारी कर्मचारियों की भेदभाव पूर्ण नीती के चलते उन्हें नहीं मिल पता है