‘सुप्रीम कोर्ट Anand Mohan की रिहाई के मामले में करे हस्तक्षेप’, तेलंगाना की महिला IAS अफसर ने की बड़ी मांग…

बिहार में विरोध के बीच बाहुबली आनंद मोहन की हो गई रिहाई
बाहुबली की रिहाई का IAS एसोसिएशन ने किया विरोध
IAS महिला अफसर ने भी किया नीतीश सरकार के फैसले का विरोध
IAS स्मिता सभरवाल ने ट्वीट कर जताया कड़ा विरोध
विरोध के बीच बिहार सरकार अपने फैसले पर कायम

बिहार में एक बाहुबली की जेल से रिहाई को लेकर हड़कंप मचा हुआ है…बाहुबली आनंद मोहन को लेकर राज्य सरकार ने नियम बदले थे जिसका हर तरफ विरोध हुआ था और अब भी हो रहा है लेकिन राज्य सरकार अपने फैसले पर कायम रही आज आनंद मोहन जेल की सलाखों से बाहर भी आ गए…सरकार के इस फैसले का विरोध उमा देवी ने भी किया था जो उन आईएस की पत्नी हैं जिनकी हत्या का आरोप आनंद मोहन पर लगा था…उमा देवी ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी रिहाई को रुकवाने की मांग की थी…हालांकि रिहाई रुकी नहीं लेकिन अब तेलंगानाा की एक महिला आईएएस अफसर ने बड़ी मांग कर दी है…इस महिला अफसर ने सीधे सुप्रीम कोर्ट से ही दखल की मांग की है…कौन हैं ये आईएएस महिला अफसर बताएंगे आपको पूरी खबर बस आप हमारे इस वीडियो को आखिर तक देखते रहें

दरअसल जब से बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिह होने और नियमों में बदलवाने की खबरें मीडिया में आईं तबसे ही विरोध के सुर सुनाई देने लगे थे लेकिन आखिरकार आनंद मोहन सहरसा जेल से रिहा कर दिए गए। लेकिन इसी बीच एक महिला IAS अफसर के विरोध ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है…दरअसल वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी स्मिता सभरवाल ने बिहार में आईएएस अधिकारी जी. कृष्णया की हत्या में शामिल दोषियों की रिहाई में सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। स्मिता, जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री की सचिव हैं, उन्होंने बुधवार को कृष्णैया के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त की। ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जानी जाने वाली स्मिता ने ट्वीट किया कि

‘कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या सिविल सेवक होना
ठीक है। सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई से हस्तक्षेप करने
का अनुरोध करें।

IAS स्मिता सभरवाल ने IAS एसोशिएसन के उस ट्वीट को भी शेयर किया है जिसमें बिहार सरकार के इस फैसले की आलोचना की गई है…इस ट्वीट में गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णया की नृशंस हत्या में शामिल दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त की गई थी।

IAS एसोसिएशन ने की सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग

बिहार सरकार के इस फैसले पर आईएएस एसोसिएशन ने कहा था कि

ड्यूटी के दौरान लोक सेवक की हत्या के आरोप में दोषी व्यक्ति को
माफ नहीं किया जा सकता है। मौजूदा वर्गीकरण में संशोधन, जो लोक
सेवक के सजायाफ्ता हत्यारे को रिहा करने की ओर ले जाता है,
न्याय से इनकार करने के समान है। इस तरह से लोक सेवकों के मनोबल में
गिरावट आती है, लोक व्यवस्था को कमजोर किया जाता है और
न्याय के प्रशासन का मजाक उड़ाया जाता है।

एसोसिएशन ने बिहार सरकार से जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध भी किया है वहीं आंध्र प्रदेश आईएएस एसोसिएशन ने भी आनंद मोहन की रिहाई पर कड़ी आपत्ति जताई है।

बता दें कि हैदराबाद में रहने वाले कृष्णया के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई को रोकने का अनुरोध किया है। मारे गए आईएएस अधिकारी की पत्नी उमा ने कहा कि बिहार जेल मैनुअल में संशोधन कर पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले से वह स्तब्ध हैं। उमा देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हस्तक्षेप करने की अपील की…साथ ही सीएम नीतीश कुमार से भी अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें अपना फैसला वापस लेना चाहिए, जो एक गलत मिसाल कायम करेगा और पूरे समाज के लिए गंभीर नतीजे होंगे…फिलहाल विरोध के बीच आनंद मोहन की रिहाई हो चुकी है और अब देखना ये है कि क्या विरोध के बाद बिहार सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करेगी….जिसकी संभावना फिलहाल कम ही लग रही है….आपको हमारी ये खबर कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं साथ ही राजनीति से जुड़ी हर खबर के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लें…शुक्रिया