उत्तर प्रदेश में बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने पर यह राज्य पश्चिम बंगाल और केरल जैसा बन सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने इस बयान का बचाव करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के लोगों को बस सतर्क किया था.
योगी आदित्यनाथ ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘ये लोग बंगाल से आ रहे हैं और यहां अराजकता फैला रहे हैं. इसलिए लोगों को इससे सचेत करना जरूरी था. मेरी जिम्मेदारी है लोगों को सतर्क करना कि ‘यहां आपको जो सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है, लोग उसे बाधित करने आए हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने दें.’
पिछले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद की हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूं, क्या बंगाल में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए? हाल ही में बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए और भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया गया. बूथों पर कब्जा कर लिया गया था. अराजकता अपने चरम पर थी. कई लोग मारे गए थे. केरल में भी ऐसा ही हुआ था. इन दो राज्यों जैसी हिंसा और राजनीतिक हत्याएं और कहां हुई हैं?’विज्ञापन
पश्चिम बंगाल चुनाव की तुलना उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण से करते हुए उन्होंने कहा कि यहां चुनाव बिल्कुल शांतिपूर्ण ढंग से हुए. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यूपी चुनाव का पहला चरण शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है. अन्यथा, यहां भी पहले दंगे हुए थे. अराजकता फैली हुई थी. अपराध अपने चरम पर था.’
वहीं उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ लग रहे आरोपों को लेकर जब सवाल किया गया तो मुख्यमंत्री ने कहा, ‘5 साल में यहां क्या कोई दंगा हुआ?’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी को सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करने के उद्देश्य से काम करती है और किसी विशेष समुदाय का तुष्टीकरण नहीं किया जाता है.
वह कहते हैं, ‘पांच साल में क्या किसी को त्योहार मनाने में रुकावटें आईं? अगर हिंदुओं के त्योहार शांति से मनाए गए तो मुसलमानों ने भी शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाए. जब हिंदू शांतिपूर्ण हैं, तो वे (मुसलमान) भी शांतिपूर्ण हैं. हिंदू सुरक्षित हैं, इसलिए मुसलमान भी सुरक्षित हैं. हम सभी को सुरक्षा देते हैं, सभी को समृद्धि देते हैं, सभी को सम्मान देते हैं लेकिन किसी का तुष्टीकरण नहीं करते.’