एक तस्वीर वायरल है… उस तस्वीर को देखकर ये कहा जा सकता है… अखिलेश के दिल में शिवपाल का रुतबा बढ़ा है… जो रुतबा अखिलेश के दिल में अबतक सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को लेकर था… अब वही रुतबा शिवपाल यादव के लिए बना है… जिस तरह से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव के सुझाव को इग्नोर नहीं कर सकते हैं… जिस तरह से अखिलेश, रामगोपाल की सलाह पर अमल करते ही है… ठीक उसी तरह से अखिलेश के लिए अब शिवपाल यादव बेहद ही खास बन गए हैं…तस्वीर को देखकर बहुत कुछ वैसा दिख रहा है… अखिलेश के लिए चाचा शिवपाल यादव खास हो गए हैं… ऐसा लग रहा है… शिवपाल यादव को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सपा संगठन में एक बड़ी जिम्मेदारी देने वाले हैं… सपा में एक बड़े पद पर बैठाने वाले हैं… ऐसा लग रहा है… अखिलेश यादव, अपने चाचा शिवपाल यादव के राजनीतिक अनुभव का इस्तेमाल राष्ट्रीय परिदृश्य पर करने के लिए तैयार हैं… ऐसा लग रहा है… अखिलेश, शिवपाल को ना सिर्फ यूपी बल्कि देश के पटल पर शिवपाल की राजनीति को दौड़ाने के लिए तैयार है… शिवपाल को अपने साथ राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाले हैं…
अब तस्वीर देख लीजिए जिसके आधार पर राजनीति दावे के साथ कह रहा है… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव को रामगोपाल यादव को एक बड़ी जिम्मेदारी देने वाले हैं… इस तस्वीर में अखिलेश यादव, शिवपाल और रामगोपाल यादव के बीच में बैठे हैं… रामगोपाल, अखिलेश के बाएं तरफ बैठे हैं… तो दाएं तरफ शिवपाल बैठे हैं… ये तस्वीर बहुत कुछ कह रही है… ये तस्वीर बतला रही है… अखिलेश के लिए शिवपाल अब क्या हैं… तस्वीर बतलाती है… अखिलेश के सियासी भविष्य और सियासी महात्वाकांक्षा के लिए शिवपाल अब क्या है… ये तस्वीर बतलाती है… मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव और मौजूदा राजनीति में शिवपाल की सक्रियता ने अखिलेश के नजरिया को उनके प्रति कितना बदल कर रख दिया है… ये तस्वीर बतलाती है… अखिलेश आनेवाले वक्त में शिवपाल को सपा में किस पद पर बैठाने वाले हैं… ये तस्वीर सपा के अंदरखाने बदल रही पूरी राजनीति को बता रही है…
जी हां समाजवादी पार्टी की सियासत में शिवपाल यादव का रुतबा एक बार फिर से बढ़ने जा रहा है… शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय सपा में कर दिया है और मरते दम तक पार्टी में रहने का ऐलान भी कर दिया था… ऐसे में अब अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को पार्टी कर राष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है… इसके अलावा आदित्य यादव सहित उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को भी सपा संगठन में तवज्जे मिलनी तय है… सपा प्रमुख अखिलेश यादव 17 जनवरी को अचानक चाचा शिवपाल यादव से मिलने उनके लखनऊ आवास पहुंचे… इस दौरान चाचा-भतीजे बंद कमरे में करीब एक घंटे तक यूपी की सियासी गतिविधियों के साथ ही संगठन विस्तार पर चर्चा हुई, क्योंकि पिछले दिनों अखिलेश ने कहा था कि शुभ दिन आने के बाद संगठन का विस्तार करेंगे…. अब बताया जा रहा है… अखिलेश ने शिवपाल से मुलाकात कर कई मुद्दों पर सियासी मंथन किया…. अति पिछड़ों और दलितों को साथ लेकर संगठन के विस्तार पर भी दोनों में एकराय बनी..
शिवपाल और आदित्य के अलावा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले नेताओं को भी समायोजित करने पर सहमति बनी… सपा में इस बार राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है…. शिवपाल के साथ आए नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी गई…. चाचा-भतीजे के बीच अब एक सहमति बनी हुई है कि शिवपाल यादव हर हाल में समाजवादी पार्टी के लिए ही जियेंगे और मरेंगे…मुलाकात से इतना दिखेगा कि संगठन में बदलाव पर शिवपाल यादव की भी मुहर है… यह शिवपाल के समर्थक या उनके चाहने वालों को संतुष्ट करने के लिए काफी होगा….शिवपाल यादव को अपनी पार्टी के विलय करने के बदले लोकसभा, विधान सभा, विधान परिषद के लिए 2 सीटें अखिलेश यादव कभी भी उन्हें दे सकते हैं… बेटे आदित्य यादव को शिवपाल यादव कहीं भी एडजेस्ट कर सकते हैं…. ऐसे में इस मुलाकात के मायने इतने हैं कि अब बड़े फैसलों में शिवपाल यादव की सहमति दिखाई देगी… पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि शिवपाल के नेतृत्व में जिलेवार आंदोलन शुरू किया जा सकता है, क्योंकि सपा निकाय चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव में भी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है…. शिवपाल का मैदान में उतरना जरूरी माना जा रहा है….
इधर अखिलेश और शिवपाल के बीच मुलाकात का वक्त हुआ भी नहीं कि सपा ने संगठन के पुनर्गठन की कवायद शुरू कर दी… सपा ने मीडिया में पार्टी का पक्ष रखने के लिए भारी भरकम मीडिया पैनलिस्ट की लिस्ट जारी की… इस लिस्ट में सपा के 58 नेताओं के नाम है… हालांकि जारी लिस्ट में शिवपाल की पुरानी पार्टी प्रसपा के किसी नेता को मीडिया पैनललिस्ट की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया… शिवपाल के करीबी और प्रसपा के मुख्य प्रवक्ता रहे दीपक मिश्रा और अरविंद सिंह के नाम की चर्चा थी…. अब देखना दिलचस्प होगा कि शिवपाल और आदित्य यादव को जिम्मेदारी मिलने के बाद इन लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी या नहीं… हालांकि सपा नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को जिम्मेदारी देने के बाद ही उनके करीबियों को जिम्मेदारी देंगे…
बहरहाल कहा जा रहा है… सपा प्रमुख अखिलेश यादव नई राष्ट्रीय और प्रदेश की कार्यकारिणी का ऐलान करने वाले हैं… माना जा रहा है हैदराबाद से लौटकर समाजवादी पार्टी अपनी नई टीम का ऐलान करेंगे…. शिवपाल यादव को राष्ट्रीय जिम्मेदारी दी जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राष्ट्रीय महासचिव का पद हो सकता है…