Akhilesh Yadav ने Anupriya Patel की सियासत को छकाने का बनाया बड़ा प्लान… नहीं मिल रहा निकलने का रास्ता…

अखिलेश ने चली धाकड़ चाल… अनुप्रिया को नहीं मिल रहा निकलने का रास्ता !
छानबे उपचुनाव के लिए अखिलेश की रणनीति सेटल… अब कैसे निपटेंगी अनुप्रिया पटेल
अपनी राजनीति के अखिलेश ने खोले पत्ते…बीजेपी-अपना दल को छकाने का बना लिया प्लान

कहते हैं सौ सोनार की एक लोहार की… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जो अपनी राजनीतिक चाल चली है… उससे तो यही लगता है… अनुप्रिया पटेल अपने गढ़ से बेदखल होने वाली है… जहां सालों अनुप्रिया की पार्टी अपना दल का दखल होता था…वहां की राजनीति में आने वाले दिनों में एक बड़ा फेरबदल हो सकता है… अपना दल चीफ अनुप्रिया पटेल को बड़ा झटका लग सकता है… क्योंकि अखिलेश ने ऐसी सियासी चाल ही चली है… अब अखिलेश ने जबकि अपनी धाकड़ चाल चल दी… अनुप्रिया पटेल को इससे बाहर निकलने का रास्ता अभी तो मिल नहीं पा रहा है… अखिलेश ने अपनी राजनीति के पत्ते खोल दिए… बीजेपी और अपना दल को छकाने का प्लान पूरी तरह से बना लिया… इस प्लान की पटकथा छानबे विधानसभा सीट के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखी है… छानबे विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं… ये सीट राहुल कौल के निधन के बाद खाली हुई है… अब इसी सीट के लिए अखिलेश ने अपनी राजनीति की रणनीति को इस तरह से सेट किया… जिसका तोड़ ढूंढने के लिए अपना दल चीफ अनुप्रिया पटेल को माथापच्ची करना पड़ा है… शायद वो सोच रही होंगी… कैसे अखिलेश के बनाए इस चक्रव्यूह से बाहर निकले…

छानबे विधानसभा सीट पर उपचुनाव… अनुप्रिया पर दबाव !
सियासी घरानों की बेटी और बहू के बीच होने वाला है बड़ा मुकाबला
रिंकी कोल और कीर्ति कोल इस बार आमने-सामने

कीर्ति कोल लालगंज विकास खंड के पचोखरा गांव की रहने वाली है तो रिंकी कोल पटेहरा विकासखंड के कुबरी गांव के रहने वाली हैं… दोनों राजनीति घराने से ताल्लुक रखती हैं। एक के ससुर विधायक सांसद, और पति विधायक चुने जा चुके हैं तो एक के पिता ने प्रधानी से संसद तक का सफर तय किया है… कीर्ति कोल के पिता भाईलाल कोल का तीन पार्टियों से नाता रहा भाजपा, बीएसपी व सपा से तो वही रिंकी कोल के ससुर पकौड़ी लाल कोल भी तीन इन पार्टियों में रहकर राजनीतिक चमक बनाया है… सपा, बसपा और अपना दल एस में एक बार फिर हम दोनों राजनीतिक घराने का परिवार छानबे विधानसभा के उपचुनाव में आमने-सामने आ गया है…

रिंकी के परिवार की सियासत की बात करे तो रिंकी के ही पति राहुल प्रकाश कोल 2017 और 2022 के चुनाव में छानबे विधानसभा से विधायक थे.. लगतार दूसरी बार जीत दर्ज की थी… कैंसर के बीमारी के कारण विधायक राहुल प्रकाश कोल का इस साल निधन हो गया था इसी के कारण उपचुनाव हो रहा है… रिंकी कोल जिला पंचायत सदस्य भी हैं… ससुर पकौड़ी लाल कोल राबर्ट्सगंज सोनभद्र से अपना दल एस से सांसद हैं… पकौड़ी लाल कोल समाजवादी पार्टी से राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार और सांसद थे… साथ ही छानबे विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं… रिंकी की देवरानी पटेहरा ब्लॉक प्रमुख है…
वहीं कीर्ति कोल के पिता दिवंगत भाईलाल कोल राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार सांसद और छानबे विधानसभा से दो बार विधायक थे… इसके साथ ही भाईलाल कोल 1995 में अपने गांव पचोखर से प्रधान भी थे..यही से राजनीति सफर की शुरुआत हुई प्रधान से लेकर सांसद तक इनका सियासी सफर रहा… बीजेपी से वो 1996 में छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए… बीजेपी ने साल-2001 के विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया तो वो बीएसपी में चले गए और साल-2004 में सोनभद्र रार्बटसगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और सांसद चुन लिए गए… जब बीएसपी ने 2009 में टिकट काट दिया तो सपा से साल-2012 में फिर छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक बन गए मगर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से सपा से लड़े तो अपनादल (एस) बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार राहुल प्रकाश कोल से पटकनी खा गए…यही नही 2019 के लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज सोनभद्र संसदीय सीट से अपना दल एस के उम्मीदवार और राहुल प्रकाश कोल के पिता पकौड़ीलाल कोल ने भी सपा प्रत्याशी भाईलाल कोल को हराया था… कीर्ति कोल विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर छानबे से चुनाव लड़ी थी, लेकिन राहुल प्रकाश कोल से मात खा गई… इसके बाद सपा ने उनको विधान परिषद के लिए प्रत्याशी बनाया था वहां नामांकन हो गया मगर नामांकन पत्र की जांच के दौरान इनकी उम्र कम होने से पर्चा खारिज हो गया था… अब एक बार फिर अखिलेश ने कीर्ति कोल की राजनीति पर विश्वास जताया है… उन्हें तीसरी बार मौका दिया है… कहते हैं… जो हारता है… वही उठकर जीतता है… इस बार कीर्ति कोल शायद राहुल कोल की पत्नी रिंकी कोल पर भारी पड़ जाए… अनुप्रिया पटेल की सियासी महत्वाकांक्षाओं पर पानी फेर दे… अखिलेश को जीत का तोहफा दे दे…