क्या अपर्णा यादव का बीजेपी से हो गया मोहभंग ?… अपर्णा ने दिए ऐसे संकेत, सियासी मायने निकालने वाला का दावा… अपर्णा तो सपा के रंग में रंगने वाली है !
अखिलेश के ‘प्रयास’ से क्या अपर्णा को मिला मोटिवेशन ?… शिवपाल के पास जाकर अपर्णा ने क्या कहा ?… हर कोई समझने का कर रहे प्रयास
शिवपाल के पास अपर्णा अपना ‘दर्द’ या फिर बीजेपी का संदेश लेकर पहुंची ?… राज्यसभा चुनाव के बीच मुलाकात पर गरमाई राजनीति
यूपी के सियासी गलियारे में एक तस्वीर वायरल है… जिसके बारे में अलग ही तरह के सियासी मायने निकलते है… ये तस्वीर राजनीति में इस समय अपर्णा यादव और शिवपाल यादव की है… अपर्णा यादव ने शिवपाल यादव से मुलाकात की… इस मुलाकात ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। दावा किया जा रहा है कि अपर्णा यादव बीजेपी के संदेश को समाजवादी पार्टी तक पहुंचाने तो नहीं गई थी… दरअसल, राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने एक बड़ा दांव खेल दिया है… संजय सेठ को आठवें उम्मीदवार के रूप में बीजेपी राज्यसभा के चुनाव मैदान में उतार चुकी है… दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी तीन उम्मीदवारों के साथ चुनावी मैदान में है…समाजवादी पार्टी तीसरे उम्मीदवार को जिताने की रणनीति पर लगातार काम कर रही है… इसमें शिवपाल यादव एक बड़ी भूमिका निभाते दिख रहे हैं… इस बीच भाजपा और सहयोगी दल अलग-अलग रणनीति के साथ काम करते दिख रहे हैं….अपर्णा यादव और शिवपाल यादव की मुलाकात को एक अलग रूप दिया जा रहा है….
शिवपाल यादव से अपर्णा यादव की इस मुलाकात के पीछे की वजह उनके जन्मदिन के रूप में बताया जा रहा है…. अपर्णा यादव ने शिवपाल से मुलाकात के दौरान फूलों के गुलदस्ते और फल की टोकरी लेकर पहुंची… सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में अपर्णा यादव चाचा को बधाई दी हैं… इस पर सोशल मीडिया यूजर्स कयास लगाते दिख रहे हैं कि कहीं अपर्णा एक बार फिर समाजवाद पार्टी में वापसी की तैयारी में तो नहीं है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि अपर्णा जिन राजनीतिक महत्वाकांक्षा के साथ भाजपा से जुड़ी थी, वो पूरी नहीं हो पाई है… ऐसे में शिवपाल यादव के सहारे उनके सपा के वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं… हालांकि, यह महज कयासबाजी ही मानी जा सकती है
अपर्णा यादव का बीजेपी में आगमन के समय अपने हिंदुत्व छवि को प्रदर्शित किया जाना एक बड़ा मुद्दा रहा है… पिछले दिनों समाजवादी पार्टी भी हिंदुत्व के मुद्दे पर बढ़ती दिख रही है… केदारेश्वर महादेव के शिलापूजन के बाद अखिलेश भी हिंदुत्व की राह पर चलने की कोशिश करते दिखे हैं… ऐसे में अपर्णा की घर वापसी के मुद्दे को हवा दी जा रही है। हालांकि, भाजपा से जुड़ने के बाद अपर्णा सत्ता के पावर में हैं… उनकी सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच रही है… ऐसे में वो बीजेपी से अलग होने के मूड में नहीं दिख रही हैं… यूपी चुनाव 2022 से पहले बीजेपी में आने के क्रम में उन्होंने साफ किया था कि पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व को देखते हुए वो बीजेपी में आई हैं… ऐसे में इस दावा पर ज्यादा भरोसा किया जा रहा है कि वो बीजेपी के दूत पर तो कहीं शिवपाल यादव के पास नहीं पहुंची थीं
अपर्णा यादव का परिवार से खासा जुड़ाव रहा है….तमाम मौकों पर वो परिवार के साथ दिखती रही हैं… मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अपर्णा की परिवार के कार्यक्रमों में उपस्थिति भी बढ़ी है… ऐसे में अपर्णा यादव को लेकर कोई बड़ा दावा भी नहीं किया जा सकता है…. वहीं, राज्यसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी में माहौल गरमाया हुआ है… कई विधायकों के बगावती तेवर सामने आ चुके हैं…. ऐसे में शिवपाल यादव को भाजपा राज्यसभा चुनाव को लेकर अपने पाले में लाने की कोशिश करती दिख रही है.. सपा से भाजपा में गए संजय सेठ अब पुराने साथियों को टटोलने में जुट गए हैं… ऐसे में अपर्णा- शिवपाल की मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं
शिवपाल यादव बीजेपी के रेडार पर रहे हैं… मुलायम सिंह यादव के निधन के पहले एक समय तो अखिलेश यादव ने भी शिवपाल को बीजेपी में जाने की बात संकेतों में कह दी थी… हालांकि, मुलायम के निधन के बाद से शिवपाल ने अखिलेश का साथ देना शुरू किया… मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में शिवपाल की भूमिका अहम रही… डिंपल यादव को जिताने के लिए उन्होंने लगातार काम किया है… शिवपाल यादव को भाजपा साधने की कोशिश करती रही है… यूपी बजट सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिवपाल को चच्चू कहकर संबोधित किया था…. साथ ही, समाजवादी पार्टी में उन्हें धोखा मिलने की भी बात कही थी…. ऐसे में अब शिवपाल को साधने की कोशिश लगातार तेज हो रही है