आजम खान का बड़ा दांव… अनुप्रिया पटेल की राजनीति पर पड़ गई भारी ! स्वार में आजम की ‘अनुराधा’ तोड़ने वाली है बीजेपी की महात्वाकांक्षा
आजम खान का बड़ा दांव… अनुप्रिया पटेल की राजनीति पर पड़ गई भारी !
अनुप्रिया ने स्वार सीट पर चली थी चाल… आजम ने अपने अनुभव से दे दिया करारा जवाब
आजम के फैसले को देख अनुप्रिया हैरान… शायद सोच रही होगी… काश ! हमने ये फैसला नहीं लिया होता
स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं… बीजेपी की ये आखिरी महात्वाकांक्षा है कि इस सीट से आजम की सियासी सत्ता को खत्म कर दिया जाए… हालांकि बीजेपी इस सीट खुद चुनाव नहीं लड़ रही है… लेकिन इस सीट से अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल के प्रत्याशी तो खड़े हैं… इसलिए बीजेपी ख्वाहिश है… आजम की सियासत पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए… अनुप्रिया भी जोश में थी… लेकिन ऐन वक्त सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने ऐसी चाल चली… कि अनुप्रिया की सियासत चारों खाने चित हो गई… आजम ने अनुप्रिया की सियासत पर करारा प्रहार किया है… अब आजम के इस फैसले को देख अनुप्रिया पटेल हैरान है…शायद सोच रही होगी… काश ये फैसला ना लिया होता…
दरअसल आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान को अदालत की ओर से 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद खाली हुई स्वार विधानसभा सीट लड़ाई भीषण होने वाली है… इस सीट से अभी अब्दुल्लाह आज भले चुनाव ना लड़ रहे हैं.. लेकिन ये आजम के स्वाभीमान से जुड़ी सीट है… स्वार विधानसभा क्षेत्र बेहद अहम माना जाता है यहां पर मुस्लिम आबादी 61 फीसदी है… जिसकी वजह से अनुप्रिया पटेल की अपना दल से शफीक अंसारी को प्रत्याशी बनाया गया है.. शफीक अंसारी स्वार नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन हैं… और राजनीति पर अच्छी पकड़ रखते हैं… हालांकि इस विधानसभा से 2012 में अब्दुल्लाह आजम खान जीते थे लेकिन दूसरे नंबर पर अपना दल के टिकट पर लड़े नवाब हैदर अली खान उर्फ हमजा मिया चुनाव लड़े थे… माना जा रहा था कि इस बार भी उन्हीं का टिकट होगा लेकिन अपना दल ने शफीक अंसारी पर भरोसा जताया है…
समाजवादी पार्टी के टिकट की घोषणा के लिए सब की निगाहें मोहम्मद आजम खान पर टिकी थीं… आज़म खान ने सबको चौकाते हुए टाण्डा क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य अनुराधा चौहान को प्रत्याशी बना कर ट्रम्प कार्ड खेल दिया… क्योंकि हिंदू कैंडिडेट होने के नाते वो बीजेपी के हिंदू वोटों में सेंधमारी करेंगी साथ ही सपा के नाम पर मुस्लिम वोट मिलने की आस है, ऐसे में उनके जीतने के समीकरण बन सकते हैं।…
उधर मुस्लिमों की राजनीति करने वाली डॉक्टर अयूब की पीस पार्टी मैं ने महिला डॉक्टर नाजिया सिद्दीकी को चुनावी मैदान में उतारकर मुस्लिम वोटों को आकर्षित करने का प्रयास किया है… खासकर ऐसे समय में जब अतीक अहमद की हत्या के बाद ध्रुवीकरण जोरों पर है और मुस्लिम वोट बीजेपी गठबंधन के चलते अपना दल एस के प्रत्याशी को नकार सकता है तो वही समाजवादी पार्टी ने पहली बार मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से हिंदू कैंडिडेट को टिकट देकर मुस्लिमों की नाराजगी का खतरा मोल ले लिया है…
कुल मिलाकर स्वार विधानसभा उपचुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है… लेकिन ऐसा दिख रहा… आजम खान की ओर से लिया ये फैसला बीजेपी समेत बाकी पार्टियों के उम्मीदवारों पर भारी पड़ रहा है…