नई दिल्ली में कोरोना वायरस के संदेह में जिन लोगों को बाकी समाज से पृथक रखा जाएगा, उनके हाथ पर सरकार एक विशेष मुहर लगाएगी जिससे उनकी पहचान हो सके।
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर दिल्ली के सभी रेस्टोरेंट बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 20 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर भी पाबंदी लगा दी है।
यह आदेश मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को जारी किए। यह सभी गुरुवार से ही लागू कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दिल्ली के सभी रेस्टोरेंट बंद किए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार के अगले आदेश तक दिल्ली के रेस्टोरेंट में पार्टी करना या वहां भोजन करना प्रतिबंधित रहेगा। लेकिन, रेस्टोरेंट से होम डिलीवरी और खाना पैक करवा कर ले जाने की इजाजत है।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही यह भी कहा, दिल्ली के सभी शिक्षण संस्थान जिनमें दिल्ली आईआईटी भी शामिल है, को 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। इन सभी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों एवं गैर शिक्षक स्टाफ को भी घर से काम करने के आदेश दिए गए हैं।
केजरीवाल ने कहा, जिन्हें कोरोना वायरस नहीं है लेकिन जिन्हें संदेह के आधार पर बाकी समाज से पृथक रहने को कहा गया है, ऐसे लोगों के हाथ पर अब एक विशेष मोहर लगाई जाएगी। मोहर लगे यह व्यक्ति यदि घर से बाहर बाजार या किसी अन्य स्थान पर दिखाई देते हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर और उनकी गिरफ्तारी भी संभव है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार मुंबई में इस तरह की व्यवस्था कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों से भी फिलहाल कुछ दिनों के लिए घर से बाहर नहीं टहलने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, विदेश से आने वाले लोगों को बाकी लोगों से अलग रखने के लिए दिल्ली सरकार ने 768 बेड की व्यवस्था की है। इनमें से फिलहाल 56 बेड इस्तेमाल में हैं।
इसके अलावा संदिग्ध रोगियों को आइसोलेशन में रखने के लिए दिल्ली सरकार ने 550 और केंद्र सरकार ने 95 बेड का इंतजाम किया है।