कंझावला कांड में शुक्रवार को अंजलि के एक दोस्त ने खुलासा किया है कि होटल में पार्टी के दौरान पैसों को लेकर अंजलि और निधि के बीच हाथापाई हुई थी। अमन विहार के रहने वाले दोस्त ने बताया कि वह अंजलि को दो साल से जानता था। लेकिन इन दिनों वह अंजलि से दूर हो गया था। 31 दिसंबर की शाम उसके फोन पर अंजलि के नंबर से छह-सात कॉल किए गए थे, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। उसके बाद अंजलि ने एक लड़के को भेजकर उसे होटल में बुलवाया। यहां अंजलि और निधि के अलावा उसके भी दोस्त थे। उसने होटल में दो रूम बुक कर रखा था। एक रूम में अंजलि और निधि मौजूद थी। सभी दोस्त बीयर पी रहे थे। अंजलि और निधि भी बीयर पी रही थी। कुछ देर बाद निधि ने अंजलि से अपने पैसे देने के लिए कहा। इस बात पर दोनों के बीच पहले कहासुनी हुई फिर दोनों के बीच हाथापाई हो गई। उसके बाद करीब डेढ़ बजे अंजलि और निधि बाहर निकल गई। उनके बीच सड़क पर भी कहासुनी हुई। फिर दोनों को समझा बुझा दिया गया। फिर दोनों वहां से निकल गईं। उसके दोस्त ने बताया कि अगले दिन उसे मीडिया से अंजलि की मौत की सूचना मिली।

हाल ही में निधि ने लाखों रुपये का मकान खरीदा था
सुल्तानपुरी इलाके में निधि ने लाखों रुपये में मकान खरीदा था। स्थानीय लोगों के मुताबिक उसने कुछ माह पहले उसने 16 लाख रुपये में मकान खरीदा था। वह इस मकान में अकेली रहती थी और दो मंजिल किराएदार को दे रखा है। हाल ही में उसने स्कूटी भी खरीदी थी। आस पड़ोस के लोगों को यह नहीं पता है कि वह क्या काम करती है। उसकी इतनी कमाई कैसे हो रही है। हालांकि, उसकी मां घरों में साफ-सफाई करती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक निधि अपनी मां के घर नहीं जाती है।स्थानीय सूत्रों का कहना है कि कुछ महीने पहले सुल्तानपुरी में निधि ने 25 गज का मकान खरीदा था। मकान खरीदने के लिए उसने मकान बेचने वाले को नकद राशि दी थी। वह पहले इस मकान में अकेली रहती थी। वह किरायेदारों को भी मकान में नहीं रखना चाहती थी। लेकिन लगातार आ रहे किराएदारों को देखते हुए उसने 15 दिन बाद घर किराये पर दिया था। किरायेदार निधि से बात करना चाहते थे लेकिन वह किसी से कोई बात नहीं करती थी।

कार मालिक ने पुलिस को किया गुमराह
शुरू में सीसीटीवी कैमरों की जांच में पुलिस को कार का नंबर मिला। इसकी मदद से पुलिस कार मालिक लोकेश तक पहुंची। लोकेश ने पुलिस को बताया कि उक्त कार को उन्होंने अपने जीजा आशुतोष को दे रखी है। फिर पुलिस आशुतोष के पास रोहिणी सेक्टर एक पहुंची। आशुतोष ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कार दीपक खन्ना को दी थी। लेकिन तकनीकी जांच में पता चला कि आशुतोष ने कार अमित खन्ना को दी थी। इसके साथ ही आशुतोष को यह पता था कि अमित ही कार चला रहा था उसके द्वारा अंजलि को घसीटकर मार डाला गया है। इसके बावजूद उसने पुलिस को जानकारी देने के बजाए अपने बयान से गुमराह किया।